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रांची/डेस्क: गोड्डा के मेहरमा की सुनिता कुमारी एक जेन्डर सीआरपी है. सुनिता कुमारी, जो किशोरी हेल्प डेस्क, मेहरमा में काउंसलर के रूप में काम कर रही है, उन्होंने पिछले कुछ महीनों में 40 से अधिक छात्राओं को करियर, शिक्षा और स्वास्थ में संबंधित मुद्दों पर मार्गदर्शन किया है. सुनिता कहती है कि लड़कियां अक्सर 10वीं के बाद क्या करें, किस स्ट्रीम को चुनें, सरकारी योजनाओं और छात्रवृनियों के बारे में जानकारी चाहती है. कुछ लड़कियां घरेलू काम और पढ़ाई के बीच संतुलन बनाने में मदद मांगती हैं.
15 साल की किशोरी स्वाति कुमारी अपनी मां पुष्पा देवी के साथ किशोरी हेल्प डेस्क पर आई. स्वाति के 12वीं के परिणाम घोषित होने के बाद उसे कॉलेज में प्रवेश के लिए मार्गदर्शन की आवश्यकता थी. स्वाति के माता-पिता उसकी सुरक्षा के कारण पास के कांलेज में प्रवेश दिलाना चाहते थे, लेकिन स्वाति एसआरटी कॉलेज, धामरी में प्रवेश चाहती थी. सुनिता ने स्वाति और उसकी मां की समस्याओं को ध्यान में सुना और एक मनोवैज्ञानिक परीक्षण (RIASEC) किया, जिसमें पता चला कि स्वाति की कला क्षेत्र में रुचि है. सुनिता ने उन्हें एसआरटी कॉलेज में प्रवेश लेने की सलाह दी और उन्हें राज्य के भीतर शिक्षा जारी रखने के फायदों के बारे में बताया. उमंग परियोजना के तहत काउंसलिंग टूल्स, जैसे कैरियर विकल्पों का गाइड और RIASEC टेस्ट, सुनिता को सही और पूरी जानकारी देने में मदद करते हैं.
सुनीता 2019 में JSLPS से जुड़ी हैं और 2021 में जेंडर सीआरपी बनीं. 2022 में उमंग परियोजना के मेहरमा विस्तार के दौरान उनका रोल बढ़ा. उन्होंने जनवरी 2024 में किशोरी हेल्प डेस्क पर काउंसलर का प्रशिक्षण प्राप्त किया और अब सोमवार और शुक्रवार को हेल्प डेस्क पर बैठती हैं. बाकी दिनों में वह क्षेत्रीय दौरे पर रहती है. सुनिता अपने काम में संतुष्ट हैं और कहती हैं कि सबसे बड़ा इनाम यह है कि उनके बच्चे उन पर गर्व करते हैं.