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रांची/डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए आधार कार्ड को जन्म तिथि का प्रमाण मानने से इनकार कर दिया है. आइए जानते हैं कि किस प्रकार के दस्तावेज प्रमाण के रूप में उपयोग किए जा सकते हैं. भारत में नागरिकों के पास कई दस्तावेज होना अनिवार्य है, जो विभिन्न कार्यों के लिए आवश्यक होते हैं. इनमें से कई दस्तावेजों के बिना कई काम रुक सकते हैं, जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड और आधार कार्ड.
प्रमाण के रूप में स्वीकार नहीं जन्म तिथि
आधार कार्ड भारत में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला दस्तावेज है, और लगभग 90 प्रतिशत भारतीय नागरिकों के पास आधार कार्ड है. कई लोग इसे विभिन्न जगहों पर समर्थन दस्तावेज के रूप में उपयोग करते हैं, और कुछ इसे जन्म तिथि का प्रमाण मानते हैं. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस धारणा को गलत ठहराया है. जस्टिस संजय करोल और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की बेंच ने हाल ही में एक मामले में आधार कार्ड को जन्म तिथि के प्रमाण के रूप में स्वीकार नहीं किया. इस मामले में, एक मृत व्यक्ति के परिवार को मुआवजा देने से संबंधित था, जिसमें पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पहले आधार कार्ड को जन्म तिथि का प्रमाण माना था.
ये सर्टिफिकेट जन्म तिथि के लिए मान्य
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने जन्म तिथि के प्रमाण के लिए स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट (एसएलसी) को वैध दस्तावेज के रूप में स्वीकार किया. निचली अदालत ने भी स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट को जन्म तिथि के प्रमाण के लिए मान्य माना था. इससे पहले, यूआईडीएआई (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) ने अक्टूबर में एक अधिसूचना जारी की थी, जिसमें स्पष्ट किया गया था कि आधार कार्ड केवल पहचान पत्र के रूप में उपयोग किया जा सकता है, न कि जन्म तिथि के प्रमाण के रूप में.