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रांची/डेस्क: टेंडर कमीशन घोटाला मामले में निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम, पत्नी राजकुमारी देवी और भाई आलोक रंजन और सहयोगी मुकेश मित्तल की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. रांची PMLA की विशेष कोर्ट ने चारों की डिस्चार्ज पिटीशन को खारिज कर दिया है. सभी आरोपियों पर जल्द आरोप गठित होगा. बता दें कि 12 नवम्बर को सभी ने डिस्चार्ज पिटीशन दाखिल किया था.
21 फरवरी 2023 को वीरेंद्र राम और उनके सहयोगियों के 24 ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी की थी. 22 फरवरी 2023 को पूछताछ के बाद ईडी ने वीरेंद्र राम को गिरफ्तार किया था. 21 महीने जेल में रहने के बाद वीरेंद्र राम पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत के बाद जेल से बाहर आए है.
बता दें कि वीरेंद्र राम के ठिकाने पर हुई छापेमारी में 30 लाख कैश के साथ 1.50 करोड़ की जेवरात बरामद हुए थे. छापेमारी में ED को 100 करोड़ से अधिक की चल-अचल संपति का पता चला था. वीरेंद्र राम पर टेंडर मैनेज कर कमिशन लेने का आरोप है. उनके परिवार और सहयोगी पर वीरेंद्र राम की अवैध कमाई को सफेद करने में सहयोग करने का आरोप है. मामले में पूर्व मंत्री आलमगीर आलम भी जेल में बंद हैं. वीरेंद्र राम के सहयोगियों समेत लगभग 1 दर्जन को ईडी ने आरोपी बनाया है.