न्यूज़11 भारत
बगोदर/डेस्क: राष्ट्रीय अंसारी एकता संगठन और बगोदर बचाओ संघर्ष समिति के संयुक्त तत्वावधान में बस पड़ाव, बगोदर में देश के स्वतंत्रता संग्राम के महानायक शेख भिखारी और टिकैत उमरांव सिंह का 168वां शहादत दिवस मनाया गया. इस अवसर पर वक्ताओं ने 1857 की क्रांति के दौरान दोनों वीर योद्धाओं के साहसिक योगदान को याद किया. उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के आतंक और तानाशाही के खिलाफ जंग छेड़ी थी. शेख भिखारी और टिकैत उमरांव सिंह ने झारखंड में ब्रिटिश राज का अंत करने का संकल्प लिया था और अपने अदम्य साहस से अंग्रेजों को झकझोर दिया था. लेकिन अंग्रेजों ने दगा और फरेब से दोनों को 8 जनवरी 1858 को फांसी पर चढ़ा दिया.
राष्ट्रीय अंसारी एकता संगठन के प्रदेश सचिव मुमताज अंसारी ने कहा कि शेख भिखारी और टिकैत उमरांव सिंह ने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी. उनके बलिदान को भुलाया नहीं जाना चाहिए. उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार से शहीदों के नाम पर स्कूल, कॉलेज और अस्पताल स्थापित करने की मांग की.
कार्यक्रम की अध्यक्षता मुमताज अंसारी ने की. बगोदर बचाओ संघर्ष समिति के विश्वनाथ साव, कुंजलाल साव, भिखीराम पासवान, राष्ट्रीय अंसारी एकता संगठन के विधानसभा प्रभारी इमामन अंसारी, महामंत्री मौलाना हलिम अंसारी, प्रखंड अध्यक्ष उमेश कुमार महतो, रूपलाल चौधरी, कुतुबुद्दीन अंसारी, ललिता ठाकुर, महमूद खान, मुख्तार अंसारी, मोइनुल खान और राजकुमार रवानी समेत अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे. इस अवसर पर उपस्थित सभी ने शहीदों के बलिदान से प्रेरणा लेकर देश की एकता और अखंडता बनाए रखने का संकल्प लिया.