अजीत कुमार/ न्यूज11 भारत
लातेहार/डेस्क: अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शशि भूषण शर्मा की अदालत ने जेट्रोफा प्लांटेशन घोटाले में धनबाद के एनजीओ झारखंड विकास मोर्चा के अध्यक्ष राकेश तिवारी और तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी साधना जयपुरियार को सरकारी राशि के गबन का दोषी पाया है.
अदालत ने जीआर केस संख्या 615/10 (मनिका थाना कांड संख्या 75/10) की सुनवाई करते हुए दोनों आरोपियों के खिलाफ सजा सुनाई. यह मामला 2010 का है, जब तत्कालीन उपायुक्त राहुल पुरवार ने मनिका में 500 एकड़ भूमि पर जेट्रोफा प्लांटेशन में घोटाले का खुलासा किया था. उपायुक्त के आदेश पर उप विकास आयुक्त सीपी बाखला ने मनिका थाना में मामला दर्ज कराया था.
अदालत ने आरोपियों के खिलाफ भादवि की धारा 420, 467, 468, 471, 120B, 201, और 409 के तहत आरोप लगाए. अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता अशोक कुमार दास ने सरकारी अधिकारियों की गवाही पेश की, जिन्होंने बताया कि योजना में भारी गड़बड़ी की गई थी. सैकड़ों एकड़ भूमि में केवल 15.50 एकड़ और 5.50 एकड़ पर ही प्लांटेशन किया गया, जबकि लाखों रुपये की अवैध निकासी की गई थी.
जानहो ग्राम में 5.5 एकड़ में केवल 150 पौधे लगाए गए थे, जिससे 34,13,160 रुपये की निकासी की गई. इसी तरह, बंदुआ ग्राम में 15.50 एकड़ में प्लांटेशन कर 17,06,580 रुपये की निकासी की गई. जांच दल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोप पत्र अदालत में प्रस्तुत किया. अदालत ने 4 जुलाई 2013 को दोनों आरोपियों के खिलाफ गबन का संज्ञान लिया. सुनवाई के बाद, अदालत ने राकेश तिवारी और साधना जयपुरियार को भादवि की धारा 409/120B के तहत तीन साल का कठोर कारावास और ढाई-ढाई लाख रुपये का जुर्माना सुनाया. जुर्माना न देने पर नौ महीने की अतिरिक्त सजा का प्रावधान रखा गया है. यह मामला वर्ष 2010 में हुए कई सरकारी घोटालों में से एक प्रमुख और चर्चित मामला रहा है.