न्यूज11 भारत
रांची/डेस्कः 14 जुलाई (रविवार) को झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ बिद्युत रंजन षाडंगी और झालसा (Jharkhand State Legal Services Authority) के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद ने संयुक्त रुप से प्रदेश के 2 अलग-अलग जगहों पर ग्राम न्यायालय का उद्घाटन किया. उन्होंने जमशेदपुर के बहरागोड़ा और रांची के मांडर में ग्राम न्यायालय का उद्घाटन किया. इस दौरान कार्यक्रम में हाईकोर्ट के कई न्यायाधीश और महाधिवक्ता सहित अन्य न्यायिक पदाधिकारी मौजूद रहें.
ग्राम न्यायालय का क्या है उद्देश्य
आपको बता दें, कोडरमा जिले के झुमरीतिलैया में झारखंड प्रदेश का पहला ग्राम न्यायालय बनाया गया था. इस न्यायालय में 25 हजार रुपये तक के समन ट्रायल (छोटे-मोटे), दीवानी मामले और आपराधिक मामलों की सुनवाई होगी. इसकी शुरुआत होने से मांडर प्रखंड के 19 पंचायतों के उक्त सभी मामलों में सुनवाई होगी. बता दें, जिन पंचायत से जुड़े मामलों की सुनवाई ग्राम न्यायालय में होगीस उसमें बिसहा खटंगा, कंजिया, मांडर, महुआजाड़ी, मलती, कैम्बो, टीगोइ अंबाटोली, ब्राम्बे, मुडमा सुरसा, बझीला, करगे, टांगरबसली, लोयो, बरगडी, झिंझरी, नगडा, सरबा और मंद्रो पंचायत के नाम शामिल हैं.
राज्य के कई अन्य जिलों में भी शुरू होगा ग्राम न्यायालय
इस समय ग्राम न्यायालय की शुरूआत दो प्रखंडों में हो रही है इसके बाद ग्राम न्यायालय के कॉनसेप्ट को भविष्य में आगे अन्य कई जिलों के प्रखंडों में भी लागू कर दिया जाएगा. इसे लेकर 6 जगहों का चयन भी कर लिया गया है. दरअसल, ग्राम न्यायालय के पीछे का मुख्य उद्देश्य यह है कि ग्रामीण और सुदूर क्षेत्रों के ग्रामीणों को छोटे-मोटे मामलों की सुनवाई के लिए जिला कोर्ट यानी सिविल कोर्ट आना न पड़े. दो प्रखंडों के बाद अब ग्राम न्यायालय अन्य कई जिलों में भी बनाए जाएंगे. इससे सुदूर क्षेत्रों के ग्रामीणों को उनका मामला ग्राम न्यायालय में ही निपट जाएगा. बता दें, ग्राम न्यायालय में IPC की धारा 304A, 310, 318, 323, 334, 337, 338, 341, 342, 343, 345, 346, 353, 354, 355, 356, 357, 358, 403, 417, 421, 422, 423, 424, 427, 434, 447, 448, 451, 453, 461, 465, 482, 483, 486, 489, 489E, 491, 498, 500, 501, 502, 504, 506, 509 और 510 से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई होगी.