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रांची/डेस्कः राज्य के अलग-अलग हिस्सों (जिला) में अवैध शराब बनाने और बेचने वाले कारोबारियों के खिलाफ पुलिस और उत्पाद विभाग द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है. मगर, चाईबासा में नकली शराब बनाने और उसे सरकारी दुकानों में बेचने का सिलसिला अब भी थमने का नाम नहीं ले रहा है. दिनों-दिन एक के बाद एक नए-नए मामले सामने आते जा रहे है. इस बीच 8 जुलाई (सोमवार) को पुलिस ने चाईबासा के सरकारी शराब दुकानों में अवैध और नकली शराब बनाकर बेचे जा रहे गोरख-धंधे का भंडाफोड़ किया. इस दौरान दो कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है. वहीं अवैध शराब कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पुलिन ने आज भी मुफस्सिल थाना इलाके के पाताहातु में 4 मिनी फैक्ट्री का खुलासा किया. जहां नकली शराब बनाकर सरकारी दुकानों में बेचने का काम किया जा रहा था.
इधर, शहर में नकली और अवैध शराब बेचे जाने के मामले को गंभीरता से लेते हुए चाईबासा के पूर्व सांसद गीता कोड़ा ने सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है उन्होंने कहा है कि सरकार की मिलीभगत और समर्थन के बगैर इतने बड़े पैमाने पर अवैध और नकली शरीब की 4 फैक्ट्रियां नहीं चलाई जा सकती है हालांकि यह बिल्कुल भी हैरान करने वाली बात नहीं है कि चाईबासा में धड़ल्ले से अवैध तरीके से डोडा और गांजा जैसे अन्य का कारोबार जोरो पर हैं सरकार पर निशाना साधते हुए गीता कोड़ा ने कहा कि एक तरफ सरकार झारखंड में नशा मुक्ति कार्यक्रम चलाते हुए आम जनमानस के बीच जागरूकता लाने का प्रयास कर रही है मगर ऐसा प्रतीत होता है कि दूसरी ओर अवैध शराब कारोबारियों को सरकार संरक्षण भी दे रही है.
पूर्व सांसद गीता कोड़ा ने कहा कि मुझे यह बोलते हुए थोड़ा भी अफसोस नहीं हो रहा है कि इस तरीके से अवैध नशाखोरी और ऐसा व्यापार में हमारे क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों का ध्यान भी नहीं जाता है. उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को एक ओर जहां हम आगे बढ़ाने का संकल्प लेते है तो वहीं दूसरी तरफ सरकार इस तरह के व्यापार को संरक्षण देते हुए हमारे युवा पीढ़ी को आर्थिक और शारीरिक रुप से कमजोर करने में लगे है. हालांकि आज इस बात की सबसे अधिक जरूरत है कि अवैध तरीके से नशाखोरी और ऐसे व्यापार पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करते हुए इस पर रोक लगाने की जरूरत है.