न्यूज11 भारत
रांचीः राजस्व उप निरीक्षकों की हड़ताल 12 दिनों से जारी है. 300 से अधिक अंचलों का न सिर्फ कामकाज इससे प्रभावित हो रहा है, बल्कि इंजीनियरिंग, मेडिकल, पोलिटेक्निक, डेंटल कोर्स, नर्सिंग, आइटीआइ समेत अन्य शैक्षणिक संस्थानों में दाखिले को लेकर स्थानीय, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र निर्गत नहीं हो रहा है. सबसे अधिक परेशानी आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग और ओबीसी कैटेगरी के छात्रों को हो रही है. वैसे भी सरकार ने 1932 के खतियान वालों को ही स्थानीय घोषित कर दिया है. इससे स्थानीय सर्टिफिकेट बनने में भी परेशानी हो रही है. झारखंड के इंजीनियरिंग कालेजों में दाखिले को लेकर जोसा काउंसेलिंग भी शुरू कर दी गयी है. इसलिए स्थानीय और आय प्रमाण पत्र संबंधी प्रमाण पत्र बनने में छात्रों को काफी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है. इसके लिए अप्रैल 2022 के बाद का कट ऑफ डेट रखा गया है. अंचल कार्यालयों में इन प्रमाण पत्रों को हजारों फार्म लंबित हैं. विभिन्न सेवाओं के लिए बड़ी संख्या रिक्तियां आयी हैं. उसके लिए आवेदन भी भरे जा रहे हैं, लेकिन बड़ी संख्या में विद्यार्थियों के पास जाति प्रमाण पत्र नहीं है. वे लगातार प्रज्ञा केंद्र में जाकर आवेदन दे रहे हैं, लेकिन उनके आवेदन पर विचार नहीं हो पा रहा है. सारे आवेदन राजस्व उप निरीक्षकों के लॉगिंग में पड़े हुए हैं. उनसे आवेदन आगे नहीं बढ़ रहा है. सारे राजस्व उप निरीक्षक हड़ताल पर हैं. इस कारण सर्टिफिकेट निर्गत करने का काम पूरी तरह से ठप हो गया है.
हड़ताल में शामिल राजस्व कर्मचारियों ने बताया कि झारखंड राज्य राजस्व उप निरीक्षक संघ के आह्वान पर 11 सूत्री मांगों के समर्थन में पूरे राज्य में राजस्व कर्मचारी हड़ताल पर हैं. इनकी मांगों में 2019 में राज्य सरकार से हुए समझौते को लागू करना, ग्रेड पे 2800 रुपये करने, अंचल निरीक्षक बहाली में 50 प्रतिशत पर वरीय राजस्व उप निरीक्षकों को पदोन्नति देने, प्रोन्नति के लिए होने वाले परीक्षा में एक्सपीरियंस की अवधि 10 से घटा कर पांच वर्ष करने शामिल है.