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रांची/डेस्क: झारखंड अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष शमशेर आलम बिना अध्यक्ष हिदायतुल्ला खान की जानकारी के ही निरीक्षण और समीक्षा बैठक कर रहे है. बता दें कि बिना अध्यक्ष को जानकारी दिये ही उपाध्यक्ष आलम ने रांची जेल का निरीक्षण किया था. जिसके बाद यह मामला अल्पसंख्यक आयोग में गरम हो गया था. इसका आयोग के सदस्यों ने विरोध भी किया था.
आयोग के सचिव ने अध्यक्ष के निर्देश के बाद एक पत्र उपाध्यक्ष आलम को भेजा. पत्र में कहा गया कि कोई भी निरीक्षण या समीक्षा, अल्पसंख्यक आयोग के प्रावधान के मुताबिक अध्यक्ष की जानकारी में होना आवश्यक है.
वहीं उपाध्यक्ष शमशेर ने आयोग के कार्यालय में सदस्यों के बैठनेवाले कमरे के एक भाग पर भी कब्जा कर लिया है. पिछले बोर्ड की मीटिंग यह मामला भी उठा था. बता दें कि आयोग में 7 सदस्य है तथा इन सदस्यों के लिए एक ही कमरा है. कमरे को उपाध्यक्ष के द्वारा कब्जा किए जाने के बाद इसकी शिकायत अध्यक्ष हिदायतुल्ला खान से की गई थी.
वहीं बुधवार को आयोग की बैठक हुई, इसमें सभी मामलों को सुलझाने का प्रयास किया गया. इसके साथ ही बैठक में तय हुआ कि अध्यक्ष को जानकारी देकर ही आयोग के उपाध्यक्ष व कोई सदस्य किसी तरह की कार्यवाही चलाएंगे.
वहीं बुधवार को हुई बैठक में यह भी तय किया गया कि जिलास्तर पर अल्पसंख्यक विकास और कार्यक्रमों के क्रियान्वयन को लेकर समीक्षा होगी.
ऐसी कोई बात नहीं है, कोई कमरा में कब्जा नहीं है : उपाध्यक्ष अल्पसंख्यक आयोग
वहीं इसको लेकर अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष शमशेर आलम का कहना है कि ऐसी कोई बात नहीं है, कोई कमरा में कब्जा नहीं है. गलत जानकारी किसी ने दी है. जिलावार समीक्षा करेंगे. कई जिलों में अध्यक्ष भी जाएंगे. पूरी संवेदनशीलता के साथ अल्पसंख्यक आयोग काम कर रहा है.