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रांची/डेस्क: कोई शायद ही नीम के पेड़ से अपरिचित हों. कड़वेपन के कारण नीम को जाना जाता है. नीम स्वास्थ्य के लिए कड़वा होने के बाद भी लाभदायक होता है. किन-किन रोगों में नीम का उपयोग किया जाता हैं, और नीम के क्या-क्या फायदें है, आइए इसके बारे में विस्तार से जानते है...
औषधीय गुणों से है भरपूर
डॉक्टर्स की माने तो घाव, चर्म रोग में फायदा लेने के लिए लोग नीम का प्रयोग करते है. लेकिन इसके आलावा भी नीम के कई फायदे है. कई रोगों में भी नीम बहुत कारगर साबित हो सकता है. संस्कृत में नीम को ‘अरिष्ट’ भी कहा जाता है, इसका मतलब श्रेष्ठ, पूर्ण और कभी खराब न होने वाली दवा है. बता दें कि नीम से कई प्रकार की आयुर्वेदिक दवाइयां भी बनाई जाती है.
इन रोगों से लड़ने में मददगार
डॉक्टर्स का कहना है कि डायबिटीज, बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने के गुण नीम के अर्क में पाए जाते है. नीम के कच्चे फलों और तने, जड़, छाल शक्ति-वर्धक और में मियादी रोगों से लड़ने का गुण भी पाया जाता है. मलेरिया और त्वचा संबंधी रोगों में इसके छाल खासतौर पर बहुत उपयोगी होती है. भारत से बाहर 34 देशों को नीम के पत्ते निर्यात किए जाते हैं. मुंहासे, छाले, खाज-खुजली, एक्जिमा वगैरह को दूर करने में नीम के पत्तों में मौजूद बैक्टीरिया मदद करते हैं. मधुमेह, कैंसर, हृदयरोग, हर्पीज, एलर्जी, अल्सर, हेपेटाइटिस (पीलिया) के इलाज में भी नीम का अर्क मदद करता है.