विपक्ष ने बजट पर उठाए सवाल, सत्ता पक्ष ने की तारीफ
न्यूज11 भारत
रांची: बजट पर सत्ता एवं विपक्ष द्वारा उठाए गए सवालों पर सरकार की ओर पक्ष रखते हुए वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि पलामू का मैं भी हूं. पलामू के लोग कटू वचन नहीं बोलते हैं. मगर राजनीति में चलता है. सुदेश महतो के कटाक्ष पर उन्होंने कहा कि एक केजी दाल रहे हैं. मगर पिछली सरकार ने मांड़-भात खिलाया. अब माड़ भात अच्छा है या दाल-भात. मैं पूर्णत: राजनीतिज्ञ नहीं हूं. मैं कहां था सभी जानते हैं. इस बार बजट बनाने का तरीका बहुत अलग है. यह बाबूओं का बजट नहीं है. मुख्यमंत्री की सलाह पर इसे अलग हटकर बनाया गया. अलग-अगल क्षेत्रों के लोगों के बातचीत और सुझाव के बाद इसे बनाया गया. यह बजट छोटा बाबू और बड़ा बाबू ने नहीं बनाया. दाल का सुझाव जनता ने ही दिया. कहा कि पिछली सरकार ने माड़-भात खिलाया, आप भी यही खिलाएंगे. उन्होंने कहा कि झारखंड हम सबका है.
वित्त मंत्री ने कहा कि हम खर्च करेंगे. यह सरकार खर्च करेगी. इस बार हम अप्रैल से खर्च करना शुरू करेंगे. कोरोना के कारण इसमें कुछ कमी आयी है. हमें बाहर जाना था, जानकारी हासिल करने, मगर कोरोना के कारण नहीं जा पाएं. सदन की चिंता से सरकार भी अवगत हो. पैसे का उपयोग हो,इसकी चिंता है. सरकार पैसे जुटा रही है. हेमंत सोरेन के नेतृत्व में वित्तीय प्रबंधन बेहतर है. ग्रामीण क्षेत्रों में आधी बीमारी पानी के कारण होता है. इसलिए आंगनबाड़ी में प्यूराफायर मशीन लगा रहे हैं. रांची में स्टडी भवन बनाने जा रहे हैं. वित्त मंत्री के जवाब के बाद सदन की कार्यवाही सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया.
किसने क्या कहा बजट चर्चा में, जानिए
बीडीओ-सीओ की तैयारी करने वालों को सरकार कहती है मुर्गी पालो, मुर्गी पालो : अमित कुमार मंडल
भाजपा विधायक अमित कुमार मंडल ने बजट पर चर्चा करते हुए कहा कि लंबी चौड़ा भाषण बजट में लिखा है. इस बजट में बड़ी-बड़ी बातें कही गयी हैं. अगर हमलोग वृद्धा पेंशन देने की बात करें तो महीनों-महीनों से यह लंबित है. राज्य गठन के बाद से लेकर अब तक आपके शासन में सबसे अधिक बलत्कार की घटनाएं हुई हैं. इज डुईंग बिजनेश में झारखंड पहले नंबर पर था. मगर आज यह चौथे नंबर पर पहुंच गया. प्रशासन का डर भू-माफियाओं, बालू माफियाओं से खत्म हो गया. इसकी हालत खराब हुई है. जेल से शराब पार्टी के नाम पर व्यवसासियो से लेवी मांगे जाते हैं. 9 लाख किसान लोन माफी की बात की थी. मगर दो लाख लोगों को ही माफी कर पायी. कफन पर सरकार कहती है कि कफन की तैयारी में जुटी रही. नीति आयोग के रैंकिंग में झारखंड का रैंक खराब हुआ है. मुख्यमंत्री सम्मान योजना को बंद कर दिया गया. पोषण सखी को हटाने का काम यह सरकार कम रही है. उर्मिला देवी की पति की मौत हो जाती है पैसे की आभाव में. तो कैसे कह रहे हैं कि कर्मियों के हित के लिए कार्य कर रहे हैं. जो लोग बीडीओ, सीओ की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें बकरी और मुर्गी पालन की सीख दिया जा रहा है. सरकार घोषणा कुछ और करती है मगर करती कुछ और है. गोड्डा में कुरमाली भाषा को क्षेत्रीय भाषा की सूची में शामिल करें.
सुदेश ने कहा-बजट में राजी की सोच नहीं दिखी
सुदेश कुमार महतो ने सरकार पर प्रहार किया.उन्होंने सीएम को राजा कहकर संबोधित किया. बजट में राजा की सोच नही दिखी. रोजगार किस रूप में मिलेगा. पिछले वर्ष को नियुक्ति वर्ष कहा गया था. राज्य के राजा को सूबे के मूल उद्देश्य का भान नही रहा. स्वीकृत पद 5 लाख से अधिक पदों में से कुल 3 लाख से ज्यादा पद रिक्त हैं. जब राजा घोषणा करती है तो प्रजा भी मान लेती है. सरकार की मंशा बजट में नहीं दिख रही है. अगर सरकार सरकारी पदों को भरना चाहती है तो बजट में दिखनी चाहिए. निजी कपंनी ने 75 प्रतिशत स्थानीय लोगों को नौकरी मिलेगी. मगर स्थानीय की खोज होने लगी. यह तब तक संभव नहीं जब तक स्थानीय और नियोजन नीति नहीं बनती है. सरकार कही कि तीन कमरों का घर बनेगा. 50 अतिरिक्त कमरा कैसे बनेगा. स्वास्थ्य क्षेत्र में सरकार ने पीछले वर्ष कई घोषणाएं की. गरीब को दाल मिलेगा एक रूपया में. एक किलो दाल एक महीने में एक परिवार को दाल मिलेगा तो इसमें पूरा परिवार एक महीने में खा लेगा.
उड़ने वाला हाथी, अब जमीन में आ गया है, जिससे नुकसान हो रहा है : मथुरा प्रसाद महतो
मथुरा प्रसाद महतो ने कहा कि उच्च शिक्षा के लिए कोई ऐसी नीति लाए कि यहां के छात्रों को बाहर नहीं जाना पड़ा. यह बहुत खुशी की बात है कि उच्चस्तर शिक्षा के लिए सरकार ने सोचा कि गरीब के बच्चे भी बाहर जाकर पढ़ सकेंगे. पूर्व की सरकार में भी शहीदों के लिए एक योजना बनाए थे. आदर्श ग्राम को चिन्हित करके उसका उपयोग में लाएं. खाद्य सुरक्षा योजना में 5 लाख अतिरिक्त लोगों को जोड़ा गया. दाल के साथ तेल और नमक भी बढ़ाएं. पशुधन योजना लाभकारी योजना है. इसमें लाभुकों सही समान नहीं मिल रहा है. इसमें कई त्रुटियां हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना में 50 हाजार अतिरिक्त जोड़ने की घोषणा से लोगों को लाभ मिलेगी. तोपचांची पयर्टन स्थल का सौंद्रयीकरण हो. एक जमान था कि एक समय में हाथी उड़ा करता था, अब हाथी जमीन में आ गया है. हाथी घर-खेत उजाड़ रहे हैं. इसको लेकर सरकार कुछ करे. सिद्धू-कान्हू क्लब में कम से कम ऐसे नौजवानों को रखा जाए जिससे नौजवान आगे बढ़ सकें.
75 साल भी गांव में सड़क नहीं होना दुखद, बजट बढ़ाएं : विनोद सिंह
माले विधायक विनोद सिंह ने कहा कि 75 साल भी गांवों का सड़क से नहीं जुड़ा होना दुर्भाग्य की बात है. आने वाले साल में सड़क को लेकर बजट बढ़ानी चाहिए. झारखंड आज बेरोजगारी की समस्या बन गयी है. कई लोग आंदोलनरत हैं. कमल क्लब जैसा हर्ष आदर्श ग्राम का हश्र न हो. इसका सरकार ख्याल रखें. प्रधानमंत्री आवास में 50 हजार से अधिक की जरूरत थी. यह गलती तो केंद्र सरकार की है.
तिजोरी में हो रही है चोरी तो कैसे आएगा पैसा : सरयू राय
विधायक सरयू राय ने कहा कि एक्पीडेंचर का ब्योरा जो दिया गया है. वह समझ से परे है. तिजोरी से चोरी हो जाती है, उसमें ही चोरी हो जाती है. क्रप्शन को कैसे खत्म करें. तिजोरी में पैसा आ नहीं पाता है. कोयला और पत्थर में चोरी हो रही है. टैक्स नहीं आ रहे हैं. तिजोरी में जब पैसे आएंगे नहीं तो कैसे होगी. इसमें जांच कमेटी बनी, मगर रिपोर्ट आने के बाद भी कोई कारवाई नहीं हुई. जो मंत्री लोग हैं उनमें से कई को फ्रीलासिंग की छूट दे दी गयी है. बाहर में बयानबाजी होती है. मंत्री के बयान से सरकार का काम कैसै प्रभाव पड़ता है, सरकार को समझना चाहिए. एक मंत्री एक अधिकारी को बर्खास्त करवाता है. वही दूसरा मंत्री उसे अपने जिले में ले जाता है. यह बजट बहुत कारगर नहीं हो पाएगा. अगर हम इनकम को ठीक नहीं किए. सरकार को चुनौतियां मिल रही हैं कि कोई आकर पकड़े. अगर आपको लगता है कि खतियान के आधार पर स्थानीय नीति लागू करना है तो करें. मंत्री बाहर में खतियान के आधार पर नीति बनानी की बात करते हैं मगर मुख्यमंत्री कहते हैं कि हम सभी पहलुओं पर विचार कर रहे हैं. यह कैसे चलेगा. भाषा को भी ठीक करें. नहीं तो राज्य अशांत होगा, बजट की राशि खर्च नहीं होगा. जब एक बार कोई भाषा जोड़ा गया तो किसके मांग पर इसे हटाया गया. यह विवाद प्याले में तुफान की तरह है.