न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: देश की आजादी के महज साढ़े चार महीने बाद 1 जनवरी 1948 को खरसावां में जलियांवाला बाग जैसी ही घटना घटी थी जिसे आज लोग याद नहीं करना चाहेंगे. लेकिन आज तक इस गोलीकांड के गुनहगारों को सजा नहीं मिल सकी है. बहरहाल इस घटना में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने कई राज्यों के आदिवासी झारखंड के खरसावां पहुंचते हैं. कोल्हान में नववर्ष की शुरुआत शहीद आदिवासियों को श्रद्धांजलि देकर होती है, क्योंकि उनकी शहादत ने झारखंड के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
सीएम हेमंत वीर शहीदों को देंगे श्रद्धांजलि
खरसावां की आज 77वीं बरसी है. इस मौके पर वीर शहीदों को श्रध्दांजलि देने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज, बुधवार को करीब 12.40 बजे हेलीकॉप्टर से अर्जुना स्टेडियम पहुंचेंगे. इसके बाद वे खरसावां शहीद बेदी और केसरे मुंडा चौक पर जाकर पारंपरिक रूप से तेल और पुष्प अर्पित करेंगे. मुख्यमंत्री दोपहर 1.30 बजे खरसावां से रांची के लिए रवाना होंगे. इस मौके पर मंत्री दीपक बिरुवा, मंत्री रामदास सोरेन, सांसद जोबा माझी, कालीचरण मुंडा, विधायक दशरथ गागराई, निरल पुरती, सुखराम उरांव, सविता महतो आदि उपस्थित रहेंगे.
77 वर्ष बीत चुके हैं खरसावां गोलीकांड को
बता दें कि खरसावां गोलीकांड को 77 वर्ष हो चुके हैं, लेकिन इसमें मारे गए लोगों की संख्या आज भी एक रहस्य बनी हुई है. घटना की जांच के लिए एक न्यायाधिकरण का गठन किया गया था, लेकिन उसकी रिपोर्ट अब तक सार्वजनिक नहीं की गई है. कितने लोग मारे गए, इसका कोई आधिकारिक रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है.