न्यूज11 भारत
रांची/डेस्क: “गुरू गोविन्द दोऊ खड़े काके लागूं पांय, बलिहारी गुरू आपने गोविन्द दियो बताय,”. संत कबीर द्वारा रचित इस दोहे को हम सबने पढ़ा और सुना होगा. जिन गुरुजनों को,शिक्षकों को भगवान के समक्ष भी एक विशेष आदर देने की बात कही गई है. उन्हीं शिक्षकों को आज अपनी बात कहने के लिए हड़ताल करना पड़ रहा है. इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है कि शिक्षकों को पढ़ाई ठप्प कर आंदोलन करना पड़ रहा है. आज बुधवार को वित्त रहित शिक्षा संयुक्त संघर्ष मोर्चा के आवाहन पर राज्य के 1250 वित्त रहित स्कूल, इंटर कॉलेज, संस्कृत विद्यालयों एवं मदरसा विद्यालयों में शैक्षणिक हड़ताल रहा. शैक्षणिक हड़ताल में राजभर के 10000 से ज्यादा शिक्षक कर्मचारियों ने भाग लिया. इस वजह से लगभग चार लाख छात्र-छात्राओं का पठन-पाठन ठप रहा. शिक्षक कर्मचारी स्कूल कॉलेज तो आए लेकिन शैक्षणिक कार्य नहीं हुआ. उन्होनें स्कूल कॉलेज के गेट के सामने अपनी मांगों को लेकर नारा लगाया. इस दौरान उन्होनें कहा कि शिक्षक कर्मियों का अनुदान की राशि में 75% बढ़ोतरी की अधिसूचना जारी किया जाए. इसके अलावा उन्होंने वित्त रहित शिक्षक कर्मचारियों के साथ भेदभाव बंद करने को लेकर भी नारेबाजी की. उन्होनें डिग्री कॉलेज के समान स्कूल कॉलेज में भी बढ़ोतरी की अधिसूचना जारी करने की मांग की.
हड़ताल कर रहे शिक्षकों ने उठाए कई सवाल
शैक्षणिक हड़ताल पर बैठे शिक्षक कर्मचारी का कहना है कि एक तरफ सरकार अपने पदाधिकारी कर्मचारियों को सातवां वेतनमान दे रही है. दूसरी ओर इस महंगाई में अगर 75% राशि बढ़ी है और सरकार बढ़ाने के लिए तैयार है. उसके लिए गठित कमेटी ने अपनी अनुशंसा भी एक वर्ष पहले ही दे दी है तो उसे विधि विभाग एवं वित्त विभाग के साथ मंत्री परिषद से सहमति क्यों नहीं ली गई. हड़ताल पर बैठे शिक्षक कर्मचारियों का कहना था कि एक तरफ उच्च शिक्षा विभाग ने अनुदान की राशि बढ़ोतरी की सारी प्रक्रिया पूरी कर इसकी अधिसूचना जारी कर दिया तो दूसरी ओर स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग कमेटी ने अनुशंसा दबा कर रखा है.
शिक्षकों का कहना है कि 1 वर्ष से कमेटी के अनुसनशा विभाग में लंबित पड़ी है. महंगाई के कारण वित रहित शिक्षक कर्मचारियों की माली हालत खराब हो गई है.महंगाई चरम पर है और हम शिक्षकों को 2015 नियमावली से स्लैब के अनुसार अनुदान मिलता है. अनुदान की राशि इस महंगाई में प्रत्येक शिक्षकों को 5 से ₹7000 मिलता है. जबकि यह राशि मनरेगा कर्मी से भी कम है. हड़ताल कर रहे शिक्षकों ने कई सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि अनुदान अधिनियम 2004 में जब ग्रेडिंग का कोई प्रावधान ही नहीं है तो ग्रेडिंग कैसे कराया जा सकता है. अगर सरकार को ग्रेडिंग ही कराना था तो 1 वर्ष के भीतर क्यों नहीं कर लिया. मोर्चा को ग्रेडिंग पर कोई आपत्ति नहीं है लेकिन अभी तक ग्रेडिंग के नाम पर क्यों रोका गया. मोर्चा का कहना है कि एक साजिश के तहत अनुदान बढ़ोतरी की संचिका को दबा कर रखा गया है.
शैक्षणिक हड़ताल के कारण 4 लाख बच्चों का पठन-पाठन प्रभावित हुआ
मोर्चा का कहना है जब तक स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग अनुदान बढ़ोतरी का संलेख विधि विभाग, वित्त विभाग एवं मंत्री परिषद से अनुमोदन नहीं करती है. मोर्चा का आंदोलन जारी रहेगा. अगर अभिलंब इस पर कार्रवाई नहीं हुई तो मोर्चा मुख्यमंत्री के आवास का घेराव करेगा. मोर्चा के नेताओं कुंदन कुमार सिंह ,हरिहर प्रसाद कुशवाहा, फजलुल कादरी अहमद, नरोत्तम सिंह, मनीष कुमार, गणेश महतो, अरविंद सिंह, देवनाथ सिंह, अनिल तिवारी, एन के सिंह, रघु विश्वकर्मा ने कहा है कि शिक्षक कर्मियों एवं मोर्चा के एकता के चलते आज का हड़ताल सफल रहा.शिक्षकों ने अपने-अपने स्कूल कॉलेज में शपथ लिए की जब तक अनुदान बढ़ोतरी पर मंत्री परिषद की सहमति नहीं होती है मोर्चा का आंदोलन जारी रहेगा.
मोर्चा के नेताओं ने मुख्यमंत्री से अविलंब हस्तक्षेप करने की मांग की है
मोर्चा के नेता रघुनाथ सिंह ने कहा है कि कल अध्यक्ष मंडल के चारों घटक की बैठक बुलाई गई है. जिसमें आगे के आंदोलन पर निर्णय लिया जाएगा. उक्त बातों की जानकारी प्रेस को मनीष कुमार एवं अरविंद सिंह ने दी है.