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रांची/डेस्कः झारखंड के चार महत्वपूर्ण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में 25 मई को चुनाव होना है. इसमें रांची, धनबाद, जमशेदपुर और गिरिडीह लोकसभा शामिल हैं. बात करें रांची लोकसभा सीट की तो यहां भाजपा ने मौजूदा सांसद संजय सेठ पर एक बार फिर भरोसा जताया है. वहीं कांग्रेस ने पूर्व सांसद सुबोधकांत सहाय की बेटी यशस्विनी सहाय को उम्मीदवार बनाया है. राजधानी में कुल 27 प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरे हैं. हालांकि, यहां सीधा मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है. रांची लोकसभा सीट के अन्तर्गत 6 विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें इचागढ़, सिल्ली, खिजरी, रांची, हटिया, कांके विधानसभा सीटें शामिल हैं. बात करें रांची लोकसभा सीट पर मतदाताओं की तो यहां कुल 21 लाख 97 हजार 331 मतदाता हैं. जिसमें पुरुष वोटर्स 10 लाख 84 हजार 738 और महिला मतदाता की संख्या 11 लाख 12 हजार 524 है. यानी पुरुषों के मुकाबले महिला वोटर्स की संख्या 27,786 ज्यादा है.
धनबाद में क्या है समीकरण
कोयले की कई खदानों के होने वजह से धनबाद को देश की कोयला राजधानी के रूप में जाना जाता है. वहीं पास में ही बोकारो जिला का मशहूर स्टील प्लांट भी है. धनबाद लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो इसे भारतीय जनता पार्टी का गढ़ माना जाता है. पिछले तीन बार से बीजेपी के सांसद पीएन सिंह इस सीट से लोकसभा सदस्य रहे हैं. वहीं बीजेपी ने धनबाद सीट से इस बार बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो को अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं कांग्रेस ने इस बार बेरमो से कांग्रेस विधायक कुमार जयमंगल सिंह की पत्नी अनुपमा सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है. धनबाद लोकसभा क्षेत्र में धनबाद के 4 विधानसभा क्षेत्र सिंदरी, निरसा, धनबाद और झरिया आते हैं. वहीं बोकारो के 2 विधानसभा क्षेत्र चंदनक्यारी और बोकारो भी इसी लोकसभा क्षेत्र में आते हैं. वोटर्स की बात करें तो इस सीट पर 22 लाख 85 हजार 237 मतदाता वाले क्षेत्र में पुरुष वोटर्स की संख्या 11 लाख 81 हजार 197 और महिला मतदाता 10 लाख 73 हजार 170 हैं. वहीं लोकसभा चुनाव के लिए 6 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 2539 मतदान केंद्र बनाए गए हैं.
जमशेदपुर में क्या है समीकरण
औद्योगिक नगरी के नाम से प्रख्यात जमशेदपुर को मिनी मुंबई भी कहा जाता है. यहां खनीजों की भरमार है. साथ ही यहां टाटा ग्रुप की कई औद्योगिक इकाई भी हैं. लोकसभा सीट के रूप में इसका गठन 1957 में हुआ. देश में दूसरे लोकसभा चुनाव के साथ जमशेदपुर लोकसभा सीट पर पहला चुनाव हुआ था. प्रत्याशियों की बात करें तो भाजपा ने एक बार फिर मौजूदा सांसद विद्युत वरण महतो को टिकट दिया है. वहीं इंडी गठबंधन के तरह से झामुमो ने बहरागोड़ा विधायक समीर मोहंती पर भरोसा जताया है. दोनों उम्मीदवारों के बीच कांटे की टक्कर नजर आ रहा है. 2019 में इस सीट से वर्तमान मुख्यमंत्री चंपाई सोरन ने चुनाव लड़ा था पर विद्युत वरण महतो के सामने उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. यह लोकसभा क्षेत्र बहरागोड़ा, घाटशिला, जुगसलाई, जमशेदपुर पूर्वी और जमशेदपुर पश्चिमी विधानसभा क्षेत्रों से मिलकर बना है. यहां से इस बार कुल 25 उम्मीदवार चुनावी दंगल में दो-दो हाथ कर रहे हैं. बात करें जमशेदपुर सीट पर कुल वोटर्स की संख्या की तो यहां 18 लाख 41 हजार 646 कुल मतदाता हैं है. जिसमें से 9 लाख 24 हजार 246 पुरुष और 9 लाख 17 हजार 272 महिला मतदाता हैं.
गिरिडीह में क्या है समीकरण
गिरिडीह लोकसभा सीट झारखंड का एक महत्वपूर्ण सीट है. इस बार यहां से एक भी राष्ट्रीय दल का प्रत्याशी चुनावी मैदान में नहीं है यानी नेशनल पार्टी का कोई प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ रहा है. एनडीए और I.N.D.I.A. दोनों गठबंधन ने अपने-अपने उम्मीदवार दिए हैं, लेकिन दोनों ही गठबंधन ने क्षेत्रीय दल के उम्मीवार इस सीट पर उतारे हैं. एनडीए ने मौजूदा सांसद आजसू के चंद्रप्रकाश चौधरी को फिर से चुनावी मैदान में उतारा है. वहीं इंडी गठबंधन की तरफ से झामुमो के मथुरा प्रसाद महतो चुनावी मैदान में हैं. इसके अलावा भाषा आंदोलन से उभरे युवा नेता जयराम महतो पर भी सबकी नजर रहेगी. कहा जा रहा है कि जयराम महतो की वजह से यहां हार जीत पर फर्क पड़ सकता है. चुनाव के लिए गिरिडीह, टुंडी, बेरमो, गोमिया, बाघमारा और डुमरी में कुल 2160 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. गिरीडीह लोकसभा सीट में कुल 16 उम्मीदवार चुनावी जंग में उतरे है इसमें 3 महिला उम्मीदवार भी अपनी किस्मत अजमा रही है. सभी महिलाएं निर्दलीय चुनाव लड़ रही हैं.