शाहनवाज अख्तर / न्यूज 11 भारत
रांची/डेस्कः राहुल गांधी आज झारखंड में थे. रामगढ़ से चुटू पालू घाटी से जब उनका काफिला गुजर रहा था. राहुल गांधी को साइकिल पर कोयला ढो रहे कुछ मजदूर व्यक्ति नजर आए, उन्होंने गाड़ी रूकवाई और उनके साथ तस्वीरें खिंचवाई, लेकिन राहुल गांधी को यह मालूम नहीं था कि यह कोयला चोर है और यह कोयला चोरी का है. यह बात ठीक है कि बहुत मेहनत से यह लोग कोयला खदानों से कोयला चुराकर झारखंड के बड़े शहरों तक कोयला पहुंचते हैं लेकिन यह बात सब जानते हैं कि यह कोयला अवैध खनन का नतीजा है और हर साल अवैध कोयला खनन में कई लोगों की जान भी चली जाती है.
वैसे तो राहजनी और चोरी करने वालों को भी मेहनत से अपना काम करना पड़ता है लेकिन चोरी 'चोरी' होती है चाहे वह हीरे की चोरी हो या खीरे की. राहुल गांधी के साथ चल रहे लोगों को कम से कम यह ज्ञान होना चाहिए कि यह कोयला चोरी का है और यह कोयला चोर है मजदूर नहीं. भले ही यह कड़ी मेहनत से कोयला घाटियों की ढलान और उत्थान पर चढ़ते उतरते हैं अपने इस काम के लिए इन्हें तो सर्द रातों में भी अपनी नींद फुटपाथों पर पूरी करनी पड़ती है.
बहरहाल राहुल गांधी की तस्वीर राष्ट्रीय स्तर पर ट्रोल होने लगी है जब लोगों को पता चला कि यह कोयला चोर है. ऐसे में इतनी बड़ी हस्ती को कोयला चोरों के साथ तस्वीरें खिंचवाना हरगिज शोभा नहीं देता, उनके साथ चल रहे लोगों को कुछ डिटेल जरूर बताना चाहिए कि झारखंड में क्या-क्या होता है कैसे होता है खैर, इस वक्त राहुल गांधी न्याय यात्रा पर हैं और उन्होंने रांची के शहीद मैदान से जनता को संबोधित करते हुए बहुत सारी बातें झारखंड आदिवासियों और मदर ऑफ हेवी इंडस्ट्रीज HEC के बारे में भी कहीं है मगर कोयला चोरी के फ्रेम में राहुल गांधी की तस्वीर ने राष्ट्रीय स्तर पर उन्हें ट्रोल करने पर मजबूर कर दिया है.