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रांची/डेस्क: पिछले वर्ष अगस्त के महीने में देशभर को झकझोक देने वाली घटना हुई थी. पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के आरजी कर मेडीकल कॉलेज में एक ट्रेनी डॉक्टर की रेप के बाद हत्या कर दी गई थी. इस घिनौनी अपराध की जांच के दौरान पुलिस ने संजय रॉय नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था. आज 20 जनवरी को सियालदाह कोर्ट ने संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुना दी है. हालांकि, मामले की जांच कर रही सीबीआई ने अदालत में फांसी की सजा की मांग की थी. आइए आपको बताते हैं हैं कि उम्र कैद और आजीवन कारावास में क्या अंतर होता है और दोनों में कितनी सजा होती है.
क्या है उम्रकैद और आजीवन कारावास में अंतर?
सियालदाह कोर्ट ने आरजी कर मेडीकल कॉलेज में रेप-मर्डर केस के आरोपी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई है. ऐसे में आपके मन में भी ये सवाल उठता होगा कि उम्र कैद और आजीवन कारावास में अंतर क्या होता है. आपको बता दें कि दोनों ही सजाओ में कोई अंतर नहीं होता. उम्रकैद और आजीवन कारावास दोनों का ही अंग्रेजी में मतलब लाइफ इंप्रिजनमेंट (Life Imprisonment) होता है. इसका मतलब जिंदगी भर जेल में रहना. जानकारी हो कि भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 103 (1) के तहत अगर कोई किसी की हत्या का दोषी पाया जाता ही तो उसे उम्रकैद या फांसी की सजा सुनाई जा सकती है. हालांकि, फांसी की सजा (Death Penalty) रेयर ऑफ द रेयरेस्ट केस ही दी जाती है.