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रांची/डेस्क: MSP पर सरकार के प्रस्ताव को किसान नेताओं ने खारिज कर दिया है बता दें, अपनी मांगों को लेकर किसानों नेताओं ने अबतक सरकार के साथ चार बार बातचीत की है लेकिन बातचीत हर बार बेनतीजा साबित हुई. अब इसके बाद किसान एक बार फिर से दिल्ली कूच की तैयारी में लगे है. अपनी मांगों के साथ आंदोलन में शामिल करीब 14 हजार किसान अपने 1200 ट्रैक्टरों के साथ दिल्ली कूट की कोशिश करेंगे. शंभू और खरौनी बॉर्डर पर किसानों को रोकने के लिए स्पेशल अलर्ट है किसानों के भारी जत्थे को रोकने के लिए काफी संख्या में सुरक्षा बल के जवानों को तैनात किया गया है. इधर किसानों के इस रवैये को देखते हुए पंजाब DGP ने सभी रेंज के ADG, IGP और DIG को पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने कहा है कि किसी भी हालत में किसानों को भारी वाहन जैसे, जेसीबी, पोकलेन और हाइड्रा, टिपर को पंजाब-हरियाणा की खनौरी और शंभू बॉर्डर की तरफ आगे न बढ़ने दिया जाए.
बातचीत के लिए सरकार ने फिर से दिया न्योता
हालांकि अब सरकार फिर से किसान नेताओं के साथ 5वें दौर की बातचीत के लिए हो गई है. कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने इसकी जानकारी देते हुए बताया है कि वे किसानों से बातचीत करने के लिए आगे भी तैयार हैं. उन्होंने बताया कि किसानों ने सरकार के सामने 13 सूत्रीय मांगें रखी थीं इनमें से 10 पर किसानों की सहमति बन गई है. जबकि तीन मांगों को पूरे किए जाने को लेकर पेंच फंस गया है. सरकार की तरफ से इन तीन मांगों को लेकर कहना है कि इन्हें पूरा करने के लिए कुछ समय की जरूरत है. हालांकि, MSP गारंटी को लेकर सरकार ने किसानों के सामने फॉर्मूला भी रखा था.
कुछ प्रस्ताव पर बातचीत हुई लेकिन वे लोग सहमत नहीं हुए- केंद्रीय मंत्री
MSP पर सरकार के प्रस्ताव को किसान के नेताओं द्वारा खारिज किए जाने के बाद केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा है कि 'मैं किसान संगठनों से अपील करूंगा कि इसे हमें संवाद से समाधान की तरफ ले जाना है इसमें शांति और वार्ता लगातार जारी रखते हुए हमें आगे बढ़ना चाहिए. देश के लोग और हम सभी शांति चाहते हैं हम सब मिलकर समाधान निकाले और ऐसे विषयों पर हम गंभीरता से विचार करें...हमारी कुछ प्रस्ताव पर बातचीत हुई लेकिन उस प्रस्ताव से वे लोग सहमत नहीं हुए. हमारी ये बातचीत और वार्ता जारी रहनी चाहिए. हम अच्छा करना चाहते हैं इसलिए इसका एक मात्र सुझाव संवाद का है मैं सभी से अपील करूंगा कि वो संयम बनाए रखें, वार्ता जारी रखें और समाधान निकाले.
दिल्ली की ओर मार्च करने की अनुमति दी जानी चाहिए- किसान नेता
इस बीच किसान नेता सरवन सिंह पंधेर का बयान भी सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा है कि 'हमने अपनी तरफ से पूरी कोशिश की. हम बैठकों में शामिल हुए हर बिंदु पर चर्चा हुई और अब फैसला केंद्र सरकार को लेना है. हम शांतिपूर्ण रहेंगे. प्रधानमंत्री को आगे आना चाहिए और हमारी मांगों को स्वीकार करना चाहिए. 1.5-2 लाख करोड़ रुपये कोई बड़ी रकम नहीं है. इसके साथ ही हमें इन बाधाओं को हटाने और दिल्ली की ओर मार्च करने की अनुमति दी जानी चाहिए.
सरकार बैरिकेड हटाकर हमें अंदर आने दें- किसान नेता
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा है कि 'हमारा इरादा किसी तरह की अराजकता पैदा करने का नहीं है. हमने 7 नवंबर से दिल्ली पहुंचने का कार्यक्रम बनाया. अगर सरकार कहती है कि उन्हें पर्याप्त समय नहीं मिला तो इसका मतलब है कि सरकार हमें नजरअंदाज करने की कोशिश की जा रही है. ये ठीक नहीं है कि हमें रोकने के लिए इतने बड़े-बड़े बैरिकेड लगाए गए हैं. हम शांति से दिल्ली जाना चाहते हैं. सरकार बैरिकेड हटाकर हमें अंदर आने दें. नहीं तो हमारी बात पूरी करें. अगर वे एक हाथ बढ़ाएंगे तो हम भी सहयोग करेंगे. हमें धैर्य के साथ स्थिति को संभालना होगा. मैं युवाओं से अपील करता हूं कि वे नियंत्रण न खोएं.