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रांची/डेस्क: बगलामुखी जयंती का सनातन धर्म में एक खास महत्व होता है. मां बगलामुखी को यह दिन समर्पित है. बता दें कि बगलामुखी जयंती हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है. इस बार 15 मई को बगलामुखी जयंती मनाई जाएगी. मान्यता है कि मां बगलामुखी की पूजा करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है. साथ ही मां बगलामुखी को उन दस महाविद्याओं में से एक हैं, जिन्हें तंत्र-मंत्र जुड़ी सबसे बड़ी देवी माना जाता है. साथ ही, इसी दिन ‘मासिक दुर्गाष्टमी’ भी है।
कब है बगलामुखी जयंती
बता दें कि वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को बगलामुखी जयंती मनाई जाती है. इस बार 15 मई को बगलामुखी जयंती मनाई जाएगी.
शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, इस बार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 15 मई के सुबह 4 बजकर 19 मिनट पर शुरू होगी. जिसका समापन 16 मई के सुबह 6 बजकर 22 मिनट पर होगा.
बगलामुखी जयंती का विजय मुहूर्त
बता दें कि विजय मुहूर्त में मां बगलामुखी की पूजा करना सबसे शुभ माना जाता है. बगलामुखी की पूजा का विजय मुहूर्त दोपहर में 2 बजकर 33 मिनट से 3 बजकर 28 मिनट तक रहेगी. मान्यता है कि कार्यों में सफलता प्राप्त करने के लिए विजय मुहूर्त बहुत शुभ होता है.
सिद्धि के लिए निशिता मुहूर्त
बता दें, निशिता मुहूर्त रात के 11 बजकर 57 मिनट से लेकर 12 बजकर 38 मिनट तक रहेगा.
बगलामुखी की पूजा का महत्व
ऐसा माना जाता है कि मां बगलामुखी की पूजा करने से व्यक्ति अपने दुश्मनों पर विजय प्राप्त करता है. साथ ही किसी भी कार्य में सफलता पाने के लिए भी इनकी पूजा की जाती है. इनकी कृपा से वाद-विवाद या कोर्ट केस में सफलता मिलती है. ये अपने भक्तों की हर प्रकार के संकटों से रक्षा करती हैं.
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