न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: शास्त्रों में कर्मफल देवता शनि की पूजा बेहद खास मानी जाती है. माना जाता है कि जिसपर भी शनि देव की कृपा होती है उसके जीवन से सारी कठिनाइयां समाप्त हो जाती है और जिंदगी खुशहाल और सुखमय हो जाती है. ज्येष्ठ अमावस्या के दिन शनि जयंती (Shani Jayanti)मनाई जाती है. मान्यताओं के अनुसार, शनि देव का जन्म इसी दिन हुआ था. शनि दोष से बचने के लिए शनि जयंती पर विधि-विधान से शनि देव का पूजन करें. इस बार शनि जयंती (Shani Jayanti) 6 जून को मनाई जाएगी.
कब है शनि जयंती
हिंदू पंचाग के अनुसार, ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि 05 जून की शाम को 07 बजकर 54 मिनट से शुरू हो रही है जो 6 जून को शाम 06 बजकर 07 मिनट पर समाप्त हो रहा है. उदया तिथि के वजह से शनि जयंती 6 जून को मनाई जाएगी.
शनि जयंती पर का शुभ मुहूर्त
शास्त्रों के अनुसार, अगर शनिदेव की पूजा सूर्य के ढलने के समय पर की जाए, तो शनिदेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है. जो लोग शनि की साढ़ेसाती या शनि की ढैया से पीड़ित हैं, उन्हें शनिदेव की पूजा शनि जयंती पर अवश्य करनी चाहिए.