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रांची/डेस्कः सोशल मीडिया में आए दिन हमें कई अजीबोगरीब खबरें सुनने को मिलती है. जिसे जानकर या तो लोग हैरान रह जाते है या डर जाते है. कुछ ऐसी ही खबर ओडिशा से सामने आई है. जहां पुलिस ने एक ऐसे शख्स को गिरफ्तार किया है जो अपनी पत्नी और उसके भाई पर जानलेवा हमला करने के बाद भागने के उद्देश्य से महिला की कपड़े पहनकर बस में चढ़ गया. बस में वह महिलाओं के बीच जाकर बैठ गया. और महिलाओं को इसकी भनक तक नहीं लगी कि उसके पास सूट-सलवार में बैठा शख्स कोई महिला नहीं बल्कि पुरूष है. क्योंकि उसने अपने माथे पर लाल बिंदी थी और अपने चेहरे को दुपट्टे से ढंक रखा था.
दाढ़ी देखते ही शोर मचाने लगी पास बैठी महिला
हालांकि इस दौरान पास में बैठी महिला की नजर उसके चेहरे की तरफ गया. और उसने दुपट्टे से झांकती उसकी दाढ़ी देख ली. इसके बाद फिर क्या हुआ आप समझ ही सकते है..दरअसल, दुपट्टे से झांक रही दाढ़ी को देखते ही शोर मचाने लगी..फिर क्या था, महिला के चिल्लाने पर वह शख्स सीट से उठकर भागने की कोशिश करने लगा. लेकिन बस में बैठे अन्य यात्रियों ने उसे रोका और इसकी जानकारी पुलिस को देते हुए उन्हें सूट वाले उस शख्स को सौंप दिया. फिलहाल वह शख्स केनरापाड़ा जिला पुलिस के गिरफ्त में है.
दुपट्टे से झांकती दाढ़ी ने पास बैठे यात्रियों को बता दी उसकी पहचान
रिपोर्ट्स के मुताबिक, व्यक्ति की पहचान विक्रम दास (42 वर्ष) के रूप में की गई है. बताया जा रहा है कि वह अपनी पत्नी और उसके भाई पर हमला करने के बाद भागने की कोशिश में महिला की कपड़े पहनकर एक बस पर चढ़ गया और महिला यात्रियों के बीच बैठ गया. उसके माथे में बिंदी थी और उसने अपने चेहरे दुपट्टे से ढंक रखा था लेकिन लेकिन दुपट्टे से झांकती दाढ़ी ने आसपास बैठे यात्रियों को उसकी पहचान बता दी. हालांकि बस में बैठे यात्रियों को इस बात की जानकारी नहीं थी कि पटकुरा पुलिस स्टेशन के मधुसूदनपुर गांव में अपनी पत्नी और उसके भाई पर हमला करने के बाद आरोपी विक्रम दास भाग रहा था. वहीं मामले में अबतक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि आरोपी ने अपनी पत्नी और उसके भाई पर हमला क्यों किया था.
इधर, इस संबंध में जानकारी देते हुए केंद्रपाड़ा जिला पुलिस के अधिकारी ने बताया कि स्थानीय कोर्ट द्वारा आरोपी विक्रम दास की जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है. पुलिस ने बताया कि इससे पूर्व साल 2018 में दास एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या के आरोप में जेल जा चुका है. मगर मामले में सभी 29 गवाहों के मुकर जाने पर सबूतों के अभाव में कोर्ट ने उसे दो महीने पहले ही बरी कर दिया था.