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रांची/डेस्क: हल्दीराम स्नैक्स प्राइवेट लिमिटेड पर हाल के समय में कई वैश्विक कंपनियों की नजर बनी हुई है. टाटा ग्रुप और ब्लैकस्टोन द्वारा हल्दीराम को खरीदने की कोशिशें असफल रही हैं. हल्दीराम ने कम वैल्यूएशन के चलते सभी ऑफर को नकारते हुए अपना ध्यान कारोबार को आगे बढ़ाने पर केंद्रित करने का निर्णय लिया है. अब, टेमासेक होल्डिंग्स, एक सिंगापुर की इनवेस्टमेंट कंपनी, हल्दीराम की 10 से 15 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की इच्छुक है. यदि यह डील सफल होती है, तो हल्दीराम की मार्केट वैल्यू लगभग 11 अरब डॉलर तक पहुंच जाएगी.
पार्टनरशिप के जरिए विस्तार की कोशिश
बिजनेस स्टैंडर्ड के सूत्रों के अनुसार, टेमासेक कंपनी के खरीदने की बजाय पार्टनर बनने की कोशिश कर रही है, जिससे यह डील आगे बढ़ सकती है. इससे हल्दीराम को अपने मार्केट को बढ़ाने में भी मदद मिलेगी. फिलहाल, टेमासेक और हल्दीराम ने इस मामले पर कोई आधिकारिक जानकारी साझा नहीं की है. सूत्रों का कहना है कि यदि यह डील होती है, तो हल्दीराम अपने आईपीओ को बाजार में लाने पर भी विचार कर सकती है, और अन्य कंपनियों से भी इस संबंध में बातचीत चल रही है.
आईपीओ और बिजनेस के लिए विकल्प तलाश रही हल्दीराम
हल्दीराम की स्थापना 1930 में गंगा बिशन अग्रवाल ने की थी, और उसने मिठाइयों और नमकीनों के जरिए एक मजबूत ब्रांड स्थापित किया है. दिल्ली और उसके आस-पास के क्षेत्रों में इसके करीब 43 रेस्टोरेंट भी हैं. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, अग्रवाल परिवार लंबे समय से आईपीओ और कारोबार बेचने की योजना बना रहा है. वैश्विक निवेशक भी भारत की आर्थिक वृद्धि का हिस्सा बनने के लिए उत्सुक हैं, जिससे हल्दीराम का अधिग्रहण या हिस्सेदारी एक आकर्षक विकल्प बन गया है.