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रांची/डेस्क: सड़क परिवहन और हाइवे मंत्रालय ने मोटर व्हीकल एक्ट में महत्वपूर्ण संशोधन का प्रस्ताव दिया है. इसमें मोटर एक्सीडेंट क्लेम्स ट्राइब्यूनल्स को मामलों के निपटारे के लिए 12 महीने की समय सीमा निर्धारित की जाएगी. इसके अतिरिक्त, मोटरसाइकिलों को कमर्शियल उपयोग के लिए कॉन्ट्रैक्ट कैरिज के रूप में मान्यता दिए जाने का भी प्रस्ताव है, जिससे एग्रीगेटर्स जैसे रैपिडो और उबर कानूनी रूप से मोटरसाइकिलों का व्यवसायिक इस्तेमाल कर सकेंगे.
कैब एग्रीगेटर्स को मिलेगा मोटरसाइकिल का उपयोग
एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में ट्रांसपोर्ट के लिए सभी वाहनों का कॉन्ट्रैक्ट कैरिज के रूप में उपयोग किया जा सकता है. मंत्रालय का यह संशोधन मोटरसाइकिल के उपयोग को लेकर कानूनी स्पष्टता प्रदान करेगा. कई राज्यों ने राइड-हेलिंग सेवाओं के लिए मोटरसाइकिल के उपयोग पर रोक लगा दी थी, जिसे मंत्रालय अब संशोधन के माध्यम से हल करने का प्रयास कर रहा है. मंत्रालय यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एग्रीगेटर्स की गाइडलाइनों में भी संशोधन करेगा.
16-18 वर्ष के युवाओं को मिलेगी मोटरसाइकिल चलाने की अनुमति
अंडरएज ड्राइविंग की समस्या से निपटने के लिए मंत्रालय ने 50 सीसी की मोटरसाइकिल या 1500 वाट तक की इलेक्ट्रिक स्कूटर को 25 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर 16 से 18 वर्ष के युवाओं को चलाने की अनुमति देने का प्रस्ताव किया है. मंत्रालय संसद के शीतकालीन सत्र में मोटर व्हीकल एक्ट में 67 प्रस्तावित संशोधन पेश करने जा रहा है, जिसमें शैक्षणिक संस्थानों की बसों की नई परिभाषा और हल्के मोटर वाहनों (LMV) का पुनर्वर्गीकरण शामिल है.
शैक्षणिक संस्थानों की बसों पर सख्ती
शैक्षणिक संस्थानों की बसों की नई परिभाषा के अनुसार, ड्राइवर को छोड़कर छह या अधिक लोगों को जिनका ट्रांसपोर्टेशन संस्थान द्वारा किया गया हो, बस में बैठाने की अनुमति होगी. मंत्रालय ने संस्थानों और ड्राइवरों की जवाबदेही बढ़ाने के लिए इन बसों के ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर दंड को दोगुना करने का प्रस्ताव किया है. एक अन्य संशोधन में, कैब एग्रीगेटर्स, ऑटोमेटेड टेस्ट स्टेशनों और मान्यता प्राप्त ड्राइवर प्रशिक्षण केंद्रों के लिए राज्यों को आवेदन को छह महीने के भीतर प्रक्रिया में लाने के लिए कहा जाएगा. यदि राज्य इस समय सीमा के भीतर कार्रवाई नहीं करते हैं, तो केंद्र सरकार की गाइडलाइंस लागू होंगी.