आर्यन श्रीवास्तव/न्यूज़11 भारत
कोडरमा/डेस्कः- डैम सेफ्टी को लेकर आज कोडरमा के तिलैया डैम में स्टेक होल्डर के साथ बैठक आयोजित की गई.देशभर में बने डैम की सुरक्षा और आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने की तैयारी पर चर्चा की गई.कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि डीवीसी के अध्यक्ष एस सुरेश कुमार और सेंट्रल वाटर कमीशन के मेंबर सेक्रेटरी एस के पांडा उपस्थित थे.इसके अलावे कार्यक्रम में डीवीसी के देश भर के यूनिट के आला अधिकारी भी मौजूद रहे, साथ ही कार्यक्रम में तिलैया डैम और इसके आसपास क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधि भी कार्यक्रम में शामिल हुए.1953 में बने कोडरमा के तिलैया डैम सात दशक हो चुके हैं, बावजूद इसके डैम सुरक्षित अवस्था में आज भी लाखों क्यूसेक पानी को रोके रखा है और कोडरमा के अलावे हजारीबाग, गिरिडीह और धनबाद समेत अन्य जिलों को बाढ़ग्रस्त होने से बचाए रखा है.आपातकालीन परिस्थिति में चुनौतियों से निपटने और जान माल की रक्षा को लेकर कार्य योजना तैयार की गई.बैठक के दौरान साल में दो बार डैम की सुरक्षा को लेकर मॉक ड्रिल करने और नियमित अंतराल पर डैम की साफ सफाई करने का निर्णय लिया गया.मीडिया से बात करते हुए डीवीसी के अध्यक्ष एस सुरेश कुमार ने कहा कि मीटिंग में अलग-अलग क्षेत्र से आए लोग शामिल हुए थे और देशभर में बने तमाम डैम को कैसे सुरक्षित रखा जाए और आपात स्थिति में जान माल की सुरक्षा कैसे की जा सके, इसके लिए विशेष कार्य योजना तैयार की गई है.वही सेंट्रल वाटर कमीशन के मेंबर सेक्रेटरी एस के पांडा ने कहा कि तिलैया डैम पूरी तरह से सुरक्षित है, लेकिन डैम को सुरक्षित रखना और आपातकालीन परिस्थितियों से निपटने के लिए समय से पहले प्लांनिग जरूरी है.उन्होंने बताया कि इमरजेंसी एक्शन प्लान में डीवीसी के अलावे सेंट्रल वॉटर कमिशन, एनडीआरफ और जिला प्रशासन के आपदा प्रबंधन विभाग की अहम भूमिका है.इस मीटिंग में पिछले 75 वर्षों के देशभर के डैम का सर्वे रिपोर्ट और वास्तविक आकलन को प्रस्तुत किया गया.