देश-विदेशPosted at: नवम्बर 10, 2024 'दो कौड़ी का इंसान','फूटी कौड़ी नहीं मिलेगी', इन मुहावरों में आखिर कौड़ी है क्या? जानें इस खबर में
न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: 'दो कौड़ी का इंसान','फूटी कौड़ी नहीं मिलेगी' इन मुहावरों को तो आपने बहुत सुना होगा और इस्तेमाल भी किया होगा. लेकिन क्या आपको पता है इस मुहावरे में इस कौड़ी का क्या मतलब है, यह क्या है? आइये आज इस खबर में हम आपको बताएंगे कि कौड़ी आखिर क्या है और इसका क्या इस्तेमाल है. दरअसल छोटो समुद्री सीपियों को कौड़ी कहा जाता है. भारत में पुराने जमाने में कौड़ियों का इस्तेमाल मुद्रा के रूप में किया जात था. उस जमाने में कौड़ियों की अलग अलग वैल्यू होती थी. इस जमाने के जैसे रुपयों और पैसों की जैसे अलग अलग वैल्यू होती है उस जमाने में कौड़ियों की भी ठीक इसी तरह अलग अलग वैल्यू होती थी. कोई भी चीज़ की खरीद बिक्री या व्यापार में कौड़ियों का इस्तेमाल किया जाता था. उस जमाने में हर चीज़ कौड़ियों के भाव में बिकती थी. पुराने जमाने की सबसे छोटी मुद्रा फूटी कौड़ी होती थी. ऐसे म तीन फूटी कौड़ियों से एक कौड़ी बनती थी. वहीँ दस कौड़ियों से एक दमड़ी बनती थी. इसके बाद दो दमड़ीयों से एक धेला बनता था. वहीँ एक पाई डेढ़ धेला से एक पाई बनता था. एक पुराना पैसा तीन पाई के बराबर था. वहीं चार पुराने पैसो को मिला दिया जाए तब वह आना बनता था. वहीँ 16 आना को मिला दिया जाए तब वह एक रुपया बनता था. आज के जमाने में भारत में एक रुपया सबसे छोटी रकम है.