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रांची/डेस्क: चीन में बच्चों के बीच तेजी से बढ़ रही सांस की रहस्मयी बीमारी की वजह से पूरी दुनिया अलर्ट मोड पर है. इस को लेकर भारत सरकार ने भी अलर्ट जारी किया है. इस दौरान लोगों को सावधानी बरतने का निर्देश दिया है. इसको लेकर मौसमी फ्लू के लक्षणों, जोखिम कारकों और क्या करें और क्या न करें की सूची जारी की है. गौरतलब है कि ये बीमारी से सबसे ज्यादा बच्चों को निशाना बना रही है. इस बीमारी को लेकर अभी तक कुछ साफ नहीं हो पाया है. फिलहाल इसे रहस्यमयी निमोनिया कहा जा रहा है. चीन में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए झारखंड में भी एडवाइजरी जारी किया है. इसको लेकर निर्देश दिया गया है कि सभी अस्पताल कोरोना के दौरान किए गए व्यवस्था की रिव्यू कर लें, ताकि यदि विपरीत परिस्थिति आती है तो उसका सामना किया जा सके.
जारी की गई एडवाइजरी
खांसते या छींकते समय मुंह और नाक ढकने, बार-बार हाथ धोने, चेहरे को छूने से बचने की सलाह दी गई है. इसके साथ हीं भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनने की सलाह दी गई है. अस्पतालों को बच्चों में निमोनिया पर नजर रखने को कहा गया है. अभिभावकों को यह ध्यान रखना होगा कि यदि छोटे बच्चे में सर्दी खांसी के साथ बुखार आता है और उसने मां का दूध पीना छोड़ दिया तो उसे तुरंत नजदीकी डॉक्टर के पास ले जाएं. अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सिलेंडर भी रखे जाएं. ताकि कोरोना जैसी स्थिति में निपटा जा सके. यदि छोटे बच्चे को सांस लेने में परेशानी हो, शरीर नीला दिखाई दे रहा हो या उसे तेज बुखार आ रहा हो तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें. ज्यादा दिनों तक निमोनिया रहना खतरनाक भी हो सकता है.
WHO ने बताया कोरोना जितनी महामारी नहीं
WHO के मुताबिक इस तरह की बीमारी में बढ़ोतरी संक्रमित बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी के कारण हुई है. हालांकि के मुताबिक यह कोविड के जैसे बड़ी महामारी नहीं है. कोरोना के दौर में सांस से संबंधित बीमारी में जितनी वृद्धि थी उतनी अभी नहीं है.साल 2018-2019 में फैली कोरोना जितनी ये लहर ताकतवर नहीं है. इसे उस लेवल पर फैलने वाली बीमारी नहीं माना जा सकता.