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रांची/डेस्क: नए साल के पहले दिन दुनिया ने एक ऐतिहासिक और दुखद घटना का सामना किया था, जो आज भी भारतीय नागरिक उड्डयन इतिहास में एक भयावह हादसे के रूप में याद किया जाता हैं. 1 जनवरी, 1978 को एयर इंडिया का बोइंग 747 विमान, जिसका नाम 'सम्राट अशोक' था, मुंबई से उड़ान भरने के कुछ ही क्षणों बाद अरब सागर में समा गया. इस हादसे में 213 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों की जान चली गई.
यह घटना भारत के नागरिक उड्डयन इतिहास का सबसे बड़ा विमान हादसा था. एयर इंडिया फ्लाइट 855 ने मुंबई के सांताक्रूज (जो अब छत्रपति शिवाजी महाराज इंटरनेशनल) एयरपोर्ट से दुबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए उड़ान भरी थी. उड़ान के बाद कुछ ही मिनटों में विमान बाई ओर लुढ़कने लगा और कुछ ही सेकंडों में यह समंदर में गिर गया. विमान में कुल 190 यात्री और 23 चालक दल के सदस्य सवार थे, जिसमें सभी मारे गए. बता दे कि 101 सेकंड के अंदर ही विमान अरब सागर में समा गई. 1 जनवरी, 1978 का यह हादसा आज भी उन यात्रियों की यादें और उनकी पीड़ा जीवित रखता है, जिन्होनें अपनी जान गंवाई थी.