न्यूज11 भारत
रांची/डेस्क: हाल में अनुसंधानकर्ता की ओर से एक दावा किया है कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के सहयोग से विकसित ब्रिटिश-स्वीडिश फार्मा दिग्गज एस्ट्राजेनेका की कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 vaccine) में इम्यून थ्रोम्बोसाइटोपेनिया और थ्रोम्बोसिस (VITT) का खतरा बढ़ गया है. जो की एक चिंता का विषय है. इसमें खून जम (Blood Clots) जाता है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में कोविशील्ड (Covisheild) और यूरोप में वैक्सजेवरिया के रूप में बेची जाने वाली एडेनोवायरस वेक्टर-आधारित ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के बाद वीआईटीटी एक नई बीमारी के रूप में उजागर हो रही हैं, जिसे 2021 में कोविड महामारी के चरम पर पेश किया गया था. प्लेटलेट फैक्टर 4 (पीएफ4) के लिए खतरनाक रक्त ऑटोएंटीबॉडी वीआईटीटी का कारण पाया गया है. आपको बता दें, रिसर्चर्स द्वारा यह भी ने दावा किया है कि कोवैक्सिन (Covaxin) लेने वाले 30 % लोगों को कई सारी गंभीर बीमारियों को झेलना पड़ रहा है.
लोग इन बीमारियों से जूझ रहे है
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अध्ययन में बताया गया है कि स्टडी के लिए सेलेक्टे किए गए 926 लोगों में से करीब-करीब एक तिहाई में ऊपरी श्वसन पथ में वायरल संक्रमण सबसे आम बात हो गई है. साथ ही लोगों में खून का थक्का जमने और एलर्जी का असर भी देखा गया है. साल 2023 में, कनाडा, उत्तरी अमेरिका, जर्मनी और इटली के वैज्ञानिकों (Scientist) के विभिन्न रिसर्चर में यह समान आया हैं, की पीएफ4 एंटीबॉडी के साथ एक बीमारी का पता चला, जो प्राकृतिक एडेनोवायरस (सामान्य सर्दी) संक्रमण के बाद कुछ मामलों में जानलेवा थी. वहीं, अब एक नए रिसर्चर में, ऑस्ट्रेलिया में फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी के अलावे अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने पाया कि एडेनोवायरस संक्रमण से जुड़े वीआईटीटी और क्लासिक एडेनोवायरल वेक्टर वीआईटीटी दोनों में पीएफ4 एंटीबॉडी की आणविक संरचना समान है.
अनुसंधानकर्ता ने कही ये बातें
फ्लिंडर्स के प्रोफेसर टॉम गॉर्डन ने कहा कि जिस तरह से इन विकारों में घातक एंटीबॉडी बनते हैं वह वास्तव में समान होता है. वहीं, इस बारे में अनुसंधानकर्ता ने बताया कि हमारा समाधान वीआईटीटी संक्रमण के बाद खून के थक्के जमने के दुर्लभ मामलों पर लागू होता है, यह वैक्सीन के विकास पर भी कार्य करता है. आपको बता दें, इसी टीम ने साल 2022 में एक रिसर्च में पीएफ4 एंटीबॉडी की आणविक संरचना की खोज की थी. इसके अलावे ही एक आनुवंशिक जोखिम की भी पहचान की गई.
न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित नए निष्कर्ष, वैक्सीन सुरक्षा में बदलाव के लिए महत्वपूर्ण निहितार्थ सुझाते है. यह रिसर्च एस्ट्राजेनेका की तरफ से फरवरी माह में उच्च न्यायालय में प्रस्तुत एक कानूनी डाक्यूमेंट्स में मंजूर किए जाने के बाद आया है कि इसका कोविड वैक्सीन बहुत ही दुर्लभ मामलों में थ्रोम्बोटिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिक सिंड्रोम (TTS) का कारण बन सकता है. टीटीएस एक रेयर साइड इफ़ेक्ट है जिसकी वजह से लोगों में ब्लड क्लॉटिंग हो सकती है. इसके अलावे खून में प्लेटलेट (Platelet) की मात्रा भी घट सकती है. इसे ब्रिटेन में कम से कम 81 मौतों से जोड़ा गया है.कंपनी ने तत्परता से यूरोप और दूसरे वैश्विक बाजारों से अपने कोविड वैक्सीन के "विपणन प्राधिकरण" को भी वापस ले लिया है.