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दुमका/डेस्क: झारखंड सरकार गांव-गांव विकास योजना पहुंचने के लाभ दावे करें पर जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आती है।हम बात कर रहे हैं झारखंड की उप राजधानी दुमका के शिकारीपाड़ा प्रखंड के कौड़ीगढ़ गांव के बनियापसार टोला की। शिकारीपाड़ा के सिमानीजोर पंचायत का कौड़ीगढ़ गांव के बनियापसार टोला सरकार की विकास योजना से कोसों दूर है. यहां के लोगों को पीने का पानी तक मयस्सर नहीं है. सड़क की हालत इतनी जर्जर है कि इसमें वाहनों की बात छोड़िए पैदल चलना भी मुश्किल है. दरअसल कौड़ीगढ़ गांव के बनियापसार टोला में लगभग 30 से 32 परिवार आदिम जनजाति पहाड़िया समुदाय के रहते हैं.
यहां के लोगों को शुद्ध पेयजल मिले इसके लिए 02 वर्ष ढाई वर्ष पूर्व कल्याण विभाग के तरफ से बोरिंग कर एक टंकी लगाया गया. काम का जिम्मा पेयजल स्वच्छता विभाग का था. महज कुछ दिन लोगों को इस टंकी से पानी मिला और उसके बाद वह खराब हो गया. गांव के लोग लगातार विभाग के अभियंता से फोन पर गुहार लगाई कि आप इसे ठीक कर दे पर किसी ने ध्यान नहीं दिया. इस गांव में पानी की समस्या आती विकराल है. लोगों को लगभग 01 किलोमीटर दूर स्थित एक झरना से पानी लाना पड़ता है. जिसमें मनुष्य के साथ पशु भी अपनी प्यास बुझाते हैं. सबसे बड़ी समस्या तब आ जाती है जब यह झरना सूख जाता है और बनियापसार के लोगों को लगभग 03 किलोमीटर दूर कर्माचुआं गांव जाकर सर पर पानी ढोकर लाना पड़ता है। इसमें महिलाओं को काफी परेशानी होती है। उनका पूरा दिन पानी लाने में गुजर जाता है।परेशानी की बात यह भी है कि गांव की जो सड़क है उसमें बड़े-बड़े पत्थर निकले हुए हैं. जिससे पैदल चलना भी मुश्किल होता है.
गांव की कुछ महिलाओं ने बताया कि हमारे छोटे बच्चे हैं और उसे गोद में लेकर हम पानी लाने जाते हैं। 03 किलोमीटर पानी लाने में हमारी जान निकल जाती है। गांव के अन्य ग्रामीणों ने भी बताया कि जब यह टंकी लगा था तब हमने यह सोचा था कि अब सुविधा होगी,पर लगता है हमारा जीवन यूं ही इस विकट समस्या के साथ ही गुजर जाएगा. वे सब जिला प्रशासन के साथ-साथ सरकार से पानी की समस्या दूर करने की गुहार लगा रहे हैं. इधर पेयजल विभाग के कनीय अभियंता सोनू कुमार से फोन पर बात की उन्होंने बताया की समस्या मेरे संज्ञान में है. हालांकि उन्होंने इसके समाधान की कोई बात नहीं की. इधर पूरे मामले पर पेयजल विभाग के कार्यपालक अभियंता संजय कुमार से जब हमने बात करने के लिए फोन किया तो दो बार रिंग होने के बावजूद उन्होंने फोन नहीं उठाया.