झारखंडPosted at: अप्रैल 19, 2024 अनुशासनात्मक कार्रवाई से पहले विभाग को परिस्थितियों की जांच और गंभीरता को ध्यान में रखना चाहिए- HC

न्यूज11 भारत
रांची/डेस्कः केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में हवलदार के पद पर कार्यरत समलेंद्र कुमार के मामले पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई करते हुए कोर्ट ने समलेंद्र को राहत दी है. मामला समलेंद्र के छुट्टी पर जाने के बाद निलंबन और गिरफ्तारी वारंट से जुड़ा है. दरअसल समलेन्द्र ने अपनी मां की बीमारी की वजह से छुट्टी ली थी. इसी दौरान स्वास्थ्य ज़्यादा खराब रहने पर उन्होंने छुट्टी बढ़ाने का अनुरोध किया लेकिन इस पर कोई सुनवाई नहीं हुई. वहीं तबियत ठीक होने के बाद जब वो वापस ड्यूटी पर आया तो उन्हें जानकारी मिली कि उसकी सेवा को बर्खास्त कर दिया गया है. इसी को लेकर दायर याचिका पर कोर्ट में सुनवाई हुई.
दूसरी ओर विभाग की तरफ से कहा गया कि हवलदार समलेंद्र के घर पर कई पत्र भेजे जाने के बाद भी वो उपस्थित नहीं हुए. इसके बाद उसकी गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया और उसे सेवा बर्खास्त कर दी गयी. कोर्ट ने कहा कि अनुशासनात्मक कार्रवाई से पहले विभाग को परिस्थितियों की जांच के साथ इसकी गंभीरता को ध्यान में रखना चाहिए. मामले की सुनवाई कर रहे हाईकोर्ट के जस्टिस डॉ एसएन पाठक ने कहा कि याचिकाकर्ता छुट्टी की अवधि से अधिक समय तक मजबूरी की परिस्थितियों में रुका था. हालांकि कर्मचारी का कर्तव्य बनता है कि वह छुट्टी की अवधि खत्म होने के बाद तुरंत ड्यूटी में शामिल हो जाए. लेकिन दंड देने से पहले कदाचार के प्रमुख कारण और अन्य सभी प्रासंगिक परिस्थितियों को ध्यान में रखा जाना चाहिए.