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बिहार/डेस्क: खबर सहरसा से है. जहां जिले के सोनवर्षाराज में एक निजी अस्पताल द्वारा किये गये ईलाज के बाद गर्भवती महिला के असमायिक मौत व परिजनों द्वारा हंगामे के बाद मंगलवार को सिविल सर्जन द्वारा गठित विशेष टीम ने निजी हाॅस्पीटल पहुंच आवश्यक जांच की. जांच टीम में अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ आर मोहन, अपर उपाधीक्षक सह सहायक पदाधिकारी डाॅ रतन कुमार झा, नियंत्रण पदाधिकारी रविंद्र कुमार एवं सीएचसी प्रभारी डाॅ लक्ष्मण कुमार शामिल थे. जांच टीम के पहुंचने के कुछ देर बाद बंद पड़े हाॅस्पीटल को खोलने कर्मी पहुंचे. लेकिन इस दौरान हाॅस्पीटल के संचालक डाॅ गणपति एवं रेणु कुमारी मौजूद नहीं थे. उनकी गैरमौजूदगी में प्रबंधक मुकेश कुमार के पहुंचने पर टीम द्वारा ऑपरेशन थियेटर, मरीज के रहने की व्यवस्था सहित अन्य सुविधाओं की जांच की गयी. इस दौरान टीम द्वारा अंसतोष जताते हुए कहा गया कि इस स्थिति में अस्पताल नहीं चलाया जा सकता है. टीम ने कार्यालय में पडे़ आधे दर्जन से अधिक मरीजों की अल्ट्रासाउंड जांच रिपोर्ट जब्त करते हुए प्रबंधक को चिकित्सक गणपति कुमार, अरूण कुमार,अनमोल कुमार सहित नर्स रेणु देवी की शैक्षणिक योग्यता सहित निजी अस्पताल से ताल्लुक सहित अन्य कागजात बुधवार को जिला स्थित कार्यालय में उपस्थित होकर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. साथ ही कहा कि बुधवार को कागजात जमा नहीं किए जाने पर उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. इसके साथ ही बिना अनुज्ञप्ति के हाॅस्पीटल के अंदर दवाई दुकान देखकर जांच टीम बिफर गयी. जांच के दौरान टीम ने पाया कि हाॅस्पीटल के संचालक डाॅ गणपति बकायदा होम्योपैथिक चिकित्सक हैं, लेकिन बिना अनुज्ञप्ति के अवैध हाॅस्पीटल खोलकर ऑपरेशन भी करते हैं. वहीं दूसरी तरफ मृतक महिला के पति रबन सादा द्वारा थाने में दिए गये आवेदन के अन्य आरोपी आशा कार्यकर्ता रुणा देवी पर अब तक कोई विभागीय कार्रवाई नहीं की गयी है. मंगलवार को जांच टीम द्वारा न तो आरोपी आशा को बुलाया गया और न ही उससे किसी तरह की कोई पूछताछ ही की गयी. उसने सीएचसी प्रभारी डाॅ लक्ष्मण द्वारा जारी स्पष्टीकरण का जबाव भी अब तक नहीं दिया है. बताते चलें कि सीएचसी के चिकित्सक द्वारा तीनधारा से प्रसव के लिए पहुंची चंपा देवी को सदर अस्पताल रेफर किए जाने के बाद आशा रुणा देवी ने ही बहला फुसलाकर अवैध रूप से संचालित श्रीराम हाॅस्पीटल ले जाया गया था तथा ऑपरेशन एवं रक्त चढा़ने के एवज में परिजन से 37 हजार रुपये लिया गया था.