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रांची/डेस्क: भाजपा झारखंड प्रदेश की प्रवक्ता राफिया नाज़ ने हेमंत सरकार द्वारा 18 लाख महिलाओं की मंईयां सम्मान योजना की राशि रोकने पर तीखा हमला करते हुए कहा कि “यह सरकार महिलाओं के साथ सम्मान के नाम पर छल और विश्वासघात कर रही है.” उन्होंने आरोप लगाया कि यह केवल एक झूठा वादा था कि सभी महिलाओं को मंईयां सम्मान की राशि मिलेगी, जो सत्ता में आने के लिए किया गया था, इसलिए 18 लाख महिलाओं को अब तक एक भी रुपया नहीं मिला है.
राफिया ने कहा, “महिला सम्मान की बात करने वाली सरकार ने 18 लाख माताओं, बहनों और बेटियों के हक को कुचला है. मंईयां सम्मान के तहत सरकार द्वारा जारी किए गए ना तो हेल्पलाइन नंबर काम कर रहे हैं, ना ही वेबसाइट, और इन समस्याओं का समाधान करने के बजाय, सरकार केवल लोगों को ठगने में व्यस्त है.”
उन्होंने कहा, “वहीं दूसरी तरफ़ सरकार द्वारा महिलाओं के अधिकारों को दबाया जा रहा है. यह सरकार महिलाओं को ना तो न्याय दिला पा रही है, ना शिक्षा और ना ही सुरक्षा, बल्कि उन्हें छलने का काम जारी है. इसलिए अब तक न तो महिला आयोग का गठन हुआ है और न ही धरातल पर महिलाओं को सशक्त करने के लिए एक भी योजना उतारी गई है, चाहे वह ₹2000 चूल्हा खर्च हो, ₹2500 विधवा-वृद्धा पेंशन हो या बेटियों की मुफ्त शिक्षा से लेकर महिला बैंक हो.”
उन्होंने कहा, “यदि सभी महिलाओं को जल्द मंईयां सम्मान की राशि नहीं मिली, तो भाजपा चरणबद्ध आंदोलन करेगी और यह मुद्दा हर घर, हर गली तक पहुंचेगा.” राफिया नाज़ ने सरकार से सवाल किया, “अगर राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर का कहना था कि ‘मंईयां सम्मान योजना’ के लिए पर्याप्त बजट उपलब्ध है और बजट में झारखंड सरकार ने 1.45 लाख करोड़ का बजट, मंईयां सम्मान के लिए पेश किया है, तो फिर 18 लाख महिलाओं को उनकी राशि क्यों नहीं दी गई? क्या यह सरकार महिलाओं के सम्मान को ठुकराने का काम कर रही है?”
उन्होंने यह भी कहा, “महिलाओं के लिए लागू योजनाओं का उद्देश्य सिर्फ सत्ता में बैठने वालों को लाभ पहुंचाना नहीं होना चाहिए, यदि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए यह योजनाएं बनाई गई थीं, फिर सरकार ने हकदारों तक क्यों पहुंचने ही नहीं दिया?” राफिया ने स्पष्ट रूप से कहा, “भा.ज.पा. इस मुद्दे पर संघर्ष करेगी, और सरकार को जवाबदेह बनाएगी. यह लड़ाई सिर्फ 18 लाख महिलाओं के लिए नहीं, बल्कि हर महिला के लिए है!”