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रांची/डेस्क: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की लिबरल सरकार को बड़ा राजनीतिक झटका लगा है. खालिस्तान समर्थक न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) के नेता जगमीत सिंह ने सरकार से अपना समर्थन वापस लेने का फैसला किया है. एनडीपी ने बुधवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो के माध्यम से इस निर्णय की घोषणा की. सिंह ने ट्रूडो पर कॉर्पोरेट लालच के आगे झुकने और कनाडाई जनता को निराश करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि ट्रूडो अब कनाडाई लोगों से एक और मौका पाने के योग्य नहीं हैं.
समझौता खत्म करने की योजना पर चल रहा था काम
एनडीपी के एक प्रवक्ता ने जानकारी दी कि यह निर्णय अचानक नहीं लिया गया, बल्कि पिछले दो हफ्तों से इस योजना पर काम चल रहा था. पार्टी ने लिबरल सरकार को इस फैसले की सूचना तब दी जब वीडियो ऑनलाइन पोस्ट किया जा चुका था. मार्च 2022 में हुए समझौते के तहत एनडीपी ने अल्पसंख्यक लिबरल सरकार का समर्थन किया था, जिसने सरकार के अस्तित्व को सुनिश्चित किया था. यह समझौता संघीय स्तर पर दोनों दलों के बीच पहला औपचारिक समझौता था.
ट्रूडो का प्रतिक्रिया: एनडीपी राजनीति पर ध्यान दे रही है
प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एनडीपी के इस कदम पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि एनडीपी को राजनीति पर ध्यान देने के बजाय कनाडाई जनता के हितों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जैसा कि उनकी सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में किया है. ट्रूडो ने यह भी कहा कि उन्हें उम्मीद है कि अगले चुनाव जून से पहले नहीं होंगे, ताकि उनकी सरकार को जरूरी नीतियों और कार्यक्रमों जैसे फार्माकेयर, दंत चिकित्सा और शिक्षा पर काम करने का समय मिल सके.
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अगले कदम पर अटकलें
हालांकि गवर्नमेंट हाउस की नेता करीना गोल्ड ने इस निर्णय को अप्रत्याशित बताया, उनका कहना है कि एनडीपी के इस फैसले का कोई संकेत पहले से नहीं था. अब सवाल यह है कि क्या एनडीपी के समर्थन वापस लेने के बाद ट्रूडो सरकार पर संकट आ सकता है. अल्पसंख्यक सरकार के लिए यह एक गंभीर चुनौती हो सकती है, और सरकार गिरने की संभावना पर राजनीतिक विश्लेषकों की नजरें टिकी हैं.