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रांची/डेस्क: साल 2025 का आगाज़ होते ही भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकिंग सिस्टम में कुछ अहम बदलावों का ऐलान किया है, जिनका असर लाखों-करोड़ों बैंक अकाउंट्स पर पड़ने वाला है. अगर आपके पास भी कोई पुराना या कम इस्तेमाल होने वाला अकाउंट है, तो ये खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण हो सकती है.
RBI ने क्यों लिया यह बड़ा फैसला?
आरबीआई का यह फैसला मुख्य रूप से धोखाधड़ी, साइबर फ्रॉड और बैंकिंग सिस्टम में ट्रांसपेरेंसी बढ़ाने के लिए लिया गया है. साथ ही, डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा देना और बैक-एंड पर सुरक्षा बढ़ाना भी इसका एक बड़ा उद्देश्य है. तो अब सवाल उठता है कि कौन से अकाउंट्स पर पड़ेगा असर?
इनएक्टिव अकाउंट्स
अगर आपके बैंक अकाउंट में पिछले 12 महीनों से कोई ट्रांजैक्शन नहीं हुआ है, तो वह अकाउंट इनएक्टिव माना जाएगा. आरबीआई के मुताबिक, ऐसे अकाउंट्स को 1 जनवरी से बंद कर दिया जाएगा. मतलब, जिन अकाउंट्स में एक साल या उससे ज्यादा समय से कोई गतिविधि नहीं हुई, उन्हें अब आप फिर से सक्रिय करने के लिए बैंक से संपर्क कर सकते हैं. इस कदम का उद्देश्य धोखाधड़ी को रोकना और अकाउंट्स की सुरक्षा बढ़ाना है.
जीरो बैलेंस अकाउंट्स
क्या आपके बैंक अकाउंट में लंबे समय से शून्य बैलेंस है? अगर हां, तो ये जानकारी आपके लिए जरूरी है. 1 जनवरी 2025 से ऐसे जीरो बैलेंस अकाउंट्स को भी बंद कर दिया जाएगा. आरबीआई का मानना है कि ऐसे अकाउंट्स का दुरुपयोग हो सकता है, और इन्हें बंद करके वे ग्राहकों को अपने अकाउंट्स का इस्तेमाल नियमित रूप से करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं.
डोरमेट अकाउंट्स
वहीं, कुछ अकाउंट्स जिनमें दो साल या उससे ज्यादा समय से कोई ट्रांजैक्शन नहीं हुआ है, उन्हें डोरमेट अकाउंट्स माना जाएगा. यह अकाउंट्स साइबर अपराधियों के निशाने पर होते हैं, जिन्हें हैक कर लोगों के पैसे चुराए जाते हैं. इसलिए, ऐसे अकाउंट्स को बंद किया जाएगा ताकि किसी भी प्रकार के धोखाधड़ी के मामलों से बचा जा सके.
क्या करना होगा आपको?
अगर आपके पास इनमें से कोई भी अकाउंट इनएक्टिव है, जीरो बैलेंस, या डोरमेट है तो 1 जनवरी से पहले अपने बैंक से संपर्क करें. अपने अकाउंट की स्थिति चेक करें, और यदि कोई गतिविधि नहीं हुई है तो उसे फिर से एक्टिव करने के लिए केवाईसी (KYC) प्रक्रिया पूरी करें. इस कदम से न केवल आपकी बैंकिंग सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि आप अपनी मेहनत की कमाई भी सुरक्षित रख सकेंगे.