भरत मंडल/न्यूज 11 भारत
गांडेय/डेस्क: गिरिडीह जिले के गांडेय प्रखंड में सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. ग्राम पंचायत बढ़कीटांड़ में कनिय अभियंता (JE) और सहायक अभियंता (AE) पर आरोप है कि वे योजनाओं के तहत भुगतान करने के लिए 5% रिश्वत की मांग करते हैं.
बिना कमीशन नहीं होता भुगतान
स्थानीय ग्रामीणों और पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि बिना रिश्वत दिए मजदूरों को उनका हक नहीं मिलता. इतना ही नहीं मजदूरों को भुगतान के लिए आवश्यक लेबर कार्ड भी रिश्वत के आधार पर ही अपडेट किए जाते हैं. पंचायत के उप मुखिया और अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने इस भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई है.
शिकायत पत्र सौंपा गया
इस मामले को लेकर ग्राम पंचायत के उप मुखिया ने गिरिडीह के उपयुक्त को लिखित शिकायत सौंपी है. शिकायत में मांग की गई है कि इस भ्रष्टाचार की निष्पक्ष जांच कराई जाए और दोषी अभियंताओं पर कड़ी कार्रवाई की जाए.

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ग्रामीणों में आक्रोश, कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन की चेतावनी
'ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को अनदेखा किया गया, तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे. उन्होंने साफ कहा कि विकास के नाम पर सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
उपमुखिया के द्वारा लगाया गया आरोप बेबुनियाद है जेई
जेई प्रवीण कुमार ने कहा कि बड़की टांड़ पंचायत के उप मुखिया का आरोप बिल्कुल निराधार है। मनरेगा मजदूर का सत्यापन मेट के द्वारा किया जाता है. मेट के सत्यापन के बाद ही मनरेगा मजदूर को पेमेंट किया जाता है.