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रांची/डेस्क: मंत्री चमरा लिंडा ने बुधवार को राजधानी रांची के जेल मोड़ स्थित राजकीय पिछड़ी जाति +2 आवासीय बालिका उच्च विद्यालय का औचक निरीक्षण किया. इस अवसर पर उन्होंने विद्यालय में चल रही शैक्षणिक गतिविधियों, छात्राओं की उपस्थिति, भोजन, आवासीय सुविधा, पुस्तकालय, एवं सुरक्षा व्यवस्था का गहन अवलोकन किया.
निरीक्षण के दौरान उन्होंने विद्यालय प्रबंधन समिति एवं छात्राओं से सीधा संवाद किया और उन्हें झारखंड सरकार की विभिन्न शैक्षणिक एवं कल्याणकारी योजनाओं से अवगत कराया. उन्होंने कहा, "आप सभी को अच्छे से पढ़ना है, डॉक्टर, इंजीनियर बनना है. अब वह सोच नहीं रहेगी कि लड़कियां बस शादी करके किसी और के घर चली जाएंगी. हर क्षेत्र में आज महिलाएँ पुरुषों के बराबर खड़ी हैं."
इस मौके पर उन्होंने विद्यालय परिसर में ही नवनिर्माणाधीन बालिका छात्रावास भवन का भी निरीक्षण किया. उन्होंने निर्माण कार्य की गुणवत्ता और प्रगति की समीक्षा की और अधिकारियों को निर्देश दिया कि छात्राओं के लिए सुरक्षित, सुविधाजनक और आधुनिक आवासीय व्यवस्था शीघ्र उपलब्ध कराई जाए.
उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार छात्राओं की हर शैक्षणिक जरूरत, जैसे कि किताबें, ड्रेस , हॉस्टल, स्कॉलरशिप और करियर गाइडेंस की पूर्ति के लिए कटिबद्ध है. लेकिन उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार की ओर से दी जा रही सुविधाओं का उद्देश्य है कि छात्राएँ बेहतर प्रदर्शन करें और अपने घर-समाज और राज्य का नाम रौशन करें.
महिला सशक्तिकरण की दिशा में झारखंड सरकार की प्रतिबद्धता
राज्य सरकार शिक्षा के माध्यम से समाज के पिछड़े वर्गों, विशेषकर बालिकाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए सतत प्रयासरत है. यह औचक निरीक्षण उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे सरकार की योजनाओं के जमीनी प्रभाव का आकलन हो सके.उन्होंने कहा कि शिक्षा ही वह माध्यम है जिससे सामाजिक समानता और समावेशी विकास संभव है. आने वाले समय में ऐसे विद्यालयों और छात्रावासों की संख्या एवं गुणवत्ता में और सुधार लाया जाएगा.