संतोष कुमार/न्यूज़11 भारत
सरायकेला/डेस्क: चांडिल अनुमंडल अंतर्गत कुकड़ु प्रखण्ड क्षेत्र के पारगामा पंचायत अंतर्गत चुनचुरिया स्थित गिरीधारी कालकेंद्र की और से आठ कलाकार मानभूम छौ कला संस्कृति प्रदर्शन करने के लिए भारत के बाहर इंडोनेशिया रवाना हुए. जहां एक तरफ हमारे मानभूम क्षेत्र में हमारी कला संस्कृति छौ नृत्य विलुप्त होते जा रहा है वहीं विदेशों में इसका प्रदर्शन क्षेत्र और झारखंड के लिए गौरव का विषय है.
सिल्ली एकेडमी के छौ उस्ताद गंभीर महतो:
गंभीर महतो ने बताया की हमारे लिए एक बहुत ही गौरभ का विषय हे जो आज हमारे द्वारा प्रशिक्षण देकर आठ कलाकारों को विदेश ले जाने का मौका मिला है. उन्होंने कहा कि हमारे पिताजी नारायण महतो जो 1987 में स्विट्जरलैंड,लन्दन आदि देश जा चुके है और हमने भी इससे पहले एक बार 2011 को विदेश जाने का मौका मिला था तो जेनेवा गए थे,आज दोबारा हमको इंडोनेशिया जाने का मौका मिला इससे हमारे गांव के साथ-साथ प्रखंड तथा जिला एवं राज्यों के लिए भी विशेष गौरव की बात है. इस बार मेरे पुत्र सुकदेव महतो और अनुज भ्राता रमेश महतो के साथ में अन्य पांच कलाकार करम चांद महतो चुनचुरिया,विश्वनाथ महतो चुनचुरिया,लखीराम नायक सिल्ली,दीपक कुमार महतो जानूम,लखीकांत महतो कुशपुतुल शामिल है. सभी कलाकार इंडोनेशिया में अलग अलग किरदार निभाएंगे कुछ कलाकार वाद्ययंत्र तो कुछ के द्वारा छौ कला प्रस्तुत किया जाएगा.उन्होंने आगे कहा कि हम लोग का आने जाने को मिलाकर कुल आठ दिन का कार्यक्रम रहेगा एवं विदेश में भी हम लोग अपना छौ संस्कृति का सारा प्रस्तुतीकरण क्षेत्रीय बंगला भाषा एवं मानभूम मुखोश (मास्क) लगाकर, ढोल,नगाड़ा तथा शहनाई के सुर द्वारा किया जाएगा.मौके पर उपस्थित सभी कलाकारों ने विदेश जाने को लेकर खुशियां जाहिर किया और अपने आपको विदेश जाने को लेकर भाग्यशाली माना.