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रांची/डेस्कः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका मिला है. बता दें, जमीन फर्जीवाड़ा मामले में ईडी द्वारा जारी समन के खिलाफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर किया था जिसे कोर्ट ने सुनवाई से इंकार कर दिया. साथ ही सीएम हेमंत को हाईकोर्ट जाने को कहा. जिसके बाद सीएम हेमंत सोरेन के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से अपनी याचिका वापस ले ली है.
आपको बता दें, जमीन फर्जीवाड़ा मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी ने कल यानी 17 सितंबर को एक बार फिर से चौथी बार समन भेजा है. जिसमें ईडी ने 23 सितंबर को उन्हें हिनू स्थित ईडी कार्यालय में उपस्थित होने को कहा है. मामले में पूछताछ के लिए ईडी इससे पहले तीन बार सीएम हेमंत को समन भेज चुकी है लेकिन वे ईडी कार्यालय नहीं पहुंचे थे.
इससे पहले तीन बार ईडी ने भेजा है समन
जानकारी के लिए बता दें, ईडी ने मामले में 8 अगस्त को पहला समन भेजकर उन्हें 14 अगस्त को उपस्थित होने को कहा था. लेकिन वे ईडी के समक्ष पेश नहीं हुए थे. साथ ही ईडी को चिट्ठी लिखकर उन्होंने कहा था कि समन वापस लें, मैं कानूनी सलाह ले रहा हूं. इसके बाद ईडी ने दूसरी बार 19 अगस्त को समन भेजकर 24 अगस्त (गुरूवार) को पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर बुलाया था. लेकिन वे ईडी दफ्तर नहीं गए थे लेकिन इस बीच 24 अगस्त को मुख्यमंत्री की जगह सचिवालय से सूरज कुमार नाम का एक कर्मी सील बंद लिफाफे में एक चिट्ठी लेकर ईडी के क्षेत्रीय कार्यालय पहुंचा था. इसके बाद ईडी ने फिर से तीसरी बार सीएम हेमंत को 1 सितंबर को समन भेजते हुए 9 सितंबर (शनिवार) को ईडी दफ्तर में पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन सीएम सचिवालय की तरफ से बंद लिफाफे वाली एक चिट्ठी लिए एक कर्मी ईडी दफ्तर पहुंचा था.
ईडी के समन को सीएम ने SC में दी थी चुनौती
बता दें जमीन घोटाला मामले में ED द्वारा जारी समन को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 23 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में रिट पिटीशन दायर कर चुनौती दी थी. जिसपर 15 सितंबर को न्यायाधीश अनिरूद्ध बोस और बेला एम त्रिवेदी की पीठ में सुनवाई होनी थी लेकिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी तबीयत खराब होने की दलील देते हुए 15 सितंबर की सुनवाई की तिथि टालने की मांग की थी. जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने मामले में सुनवाई के लिए 18 सितंबर को अगली तिथि निर्धारित की थी. वहीं आज ईडी के समन को मुख्यमंत्री द्वारा चुनौती देने मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इंकार करते हुए सीएम को हाईकोर्ट जाने को कहा. अब इस मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन हाईकोर्ट का रूख कर सकते है.