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सिमडेगा/डेस्क: उपायुक्त सिमडेगा अजय कुमार सिंह की अध्यक्षता में पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय, कोलेबिरा सिमडेगा में मूलभूत सुविधाओं एवं छात्र-छात्राओं के उज्जवल भविष्य को लेकर विद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक आयोजित की गई. बैठक के पूर्व विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा पारंपरिक तरीके से उपायुक्त को तिलक किया गया एवं आरती दिखाकर स्वागत किया गया. वहीं प्राचार्य श्री प्रशांत कुमार ने उपायुक्त महोदय को पुष्प गुच्छ भेंट कर एवं शोले ओढ़कर स्वागत किया.
जेएनवी प्रबंधन समिति की बैठक में मुख्य रूप से स्कूल से जुड़ी हुए समस्याओं की ओर अध्यक्ष सह उपयुक्त का ध्यान आकृष्ट कराया गया. बैठक के दौरान उपायुक्त पूरे मामले को गंभीरता से सुने और यथाशीघ्र समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया. इस दौरान पानी की समस्या, सोलर एनर्जी, सोलर लाइट से संबंधित चर्चा भी बैठक में किया गया. उपायुक्त ने सभी मामलों का प्रपोज तैयार का देने की बात कहीं. इस दौरान 10 KVA एवं सोलर लाइट के लिए यथाशीघ्र प्रपोज देने का निर्देश दिया. बैठक के पश्चात् उपायुक्त ने विद्यालय परिसर का भ्रमण कर मूलभूत सुविधाओं के संदर्भ में जानकारी प्राप्त की. साथ उन्होंने ने पुस्तकालय, बायोलॉजी लैब एवं कम्प्यूटर लैब-सह-स्मार्ट क्लासरूम का निरीक्षण किया.
बैठक के पूर्व उपायुक्त ने बच्चों एवं शिक्षकों को संबोधित करते हुए शिक्षा के उद्देश्य बारे आवश्यक बातें बताई. उन्होंने कहा कि शिक्षा का मूल उद्देश्य जो है वह अगर मैं कभी चिंतन करता हूं पाता हूं कि तीन चीज हैं जिसके लिए आप सभी बच्चें यहां बैठे हैं इस विद्यालय में अध्यनरत है. पहला ये कि शिक्षा नॉलेज को एक पाठ करता है, नॉलेज प्रदान करता है यह ज्ञान देते है.दूसरा स्कील/कौशल हुनर प्रदान करना और तीसरा उद्देश्य है चरीत्र का निर्माण करना. ये तीन उद्देश्य पर ही आधारित प्राचीनकाल से शिक्षा की व्यवस्था रही है. स्ट्रक्चर व्यवस्था है जहां विद्यार्थी, शिक्षक होते है. राज्य सरकार भी सरकारी विद्यालयों का संचालन करती हैं और केंद्र सरकार भी विद्यालय का संचालन करती है. केंद्र द्वारा जो विद्यालय का संचालन होता है उसमें भारत सरकार द्वारा संचालन होता है उसमें से पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय भी है जो मील का पत्थर साबित हुआ है, शिक्षा जगत में.
उन्होंने बच्चों को बताया कि पहले शिक्षा अर्जन करने के लिए पहले ऋषि मुनियों के यहां जाते थे.जैसे आप इस विद्यालय में आए हैं.फिर गुरुकुल आय उसके बाद आज के दिन में यह स्ट्रक्चर फॉर्म यह हमारे स्कूल है. इसके उन्होंने बच्चों को इंटरनेट/गूगल के माध्यम से जो व्यवस्था उसे भी पढ़ाई करने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने गूगल में विकिपीडिया के माध्यम से पढ़ने की बात कहीं. उन्होंने सभी बच्चों से कहा कि मोबाइल से अच्छी चीजों को सीखें आपको बहुत सारी टॉपिक मिल जाएंगे आपके सब्जेक्ट से रिलेटेड. आपको ध्यान रखने की जरूरत है आजकल ज्ञान अर्जन के बहुत सारे तरीके हो गये है. बहुत सारे एैसे लुभाने तरीके जिस की आपका पथ भ्रष्ट, पथ भ्रमित हो सकता है उसमें ना जाकर आप उसका फायदा उठाएं यह फायदा उठाने के लिए आपको शिक्षक बताएंगे रास्ता, आपका रोल मॉडल गार्जियन, आपके माता-पिता बताया तब आप उसे मार्ग में चलेंगे तब तब क्रिटिकल भाव का थिंकिंग डेवलप होगा. उन्होंने कहा कि ज्ञान अर्जन करने के लिए शिक्षक हीं नहीं, बल्कि अभिभावक, भाई-बहनों, दोस्त भी इसके अलावा आपको किताबें से भी सीखने है. तथा उन्होंने कौशल विकास तथा चरित्र निर्माण करने से संबंधित भी आवश्यक जानकारी बच्चों को दी.
बैठक के दौरान जिला शिक्षा पदाधिकारी, सहित विद्यालय के शिक्षक डॉ. प्रमोद कुमार महतो, रामायण पासवान, एस के सिंह, विकास चन्द्र, अवधेश रंजक, रेणु कुमारी सिन्हा, प्रिया कुमारी, पंकज कुमार सिन्हा, अजय मोरया, प्रतिमा एक्का सहित अन्य उपस्थित रहे.