न्यूज11 भारत
रांची/डेस्कः- बारिश होते ही क्षेत्र का हालत खराब होने लगता है, खास कर के शहरों में ट्रैफिक समस्या से लोग परेशान रहते हैं. मुंबई,दिल्ली,कोलकाता,चेन्नई ये सारे शहर को लोग बारिशों से परेशान रहते हैं. लेकिन दुनिया के बड़े शहरों को देखें तो वहां इश तरह की ज्यादा समस्या नही होती है. लंदन जैसे शहरों में बारिश तो होती है पर जलभराव नहीं होता है. वहीं भारत की बात करें तो मुंबई पूरे बारिश भर पानी से डूबा रहता है. बारिश के दिनों में मुंबई की लोकल ट्रेने बंद कर दी जाती है. वहीं बस सेवाएँ भी बंद रहती है. ऐसा ही हाल दिल्ली का भी होता है. पर वहीं अगर हम लंदन की बात करें तो वहां ऐसा नहीं होता है. मुंबई औऱ दिल्ली दोनों शहर प्राचीन हैं और ट्रेनेज सिस्टम से जूझ रहें हैं. हमेशा से गंभीर बाढ़ जैसी समस्या उत्पन्न होती है. जिसका मुख्य कारण ये हैं.
रेनवाटर हार्वेस्टिंग में कमी...
दिल्ली औऱ मुंबई दोनों शहरों में इसका थोड़ा बहुत काम शुरु हुआ है. पर औऱ होने की जरुरत है. वहीं लंदन की बात करें तो ये परियोजना काफी लंबे समय से लागू है.
जलवाय़ु परिवर्तनकी समस्या
इसके वजह से बारिश कभी भी होने की संभावना बनी रहती है. इससे ड्रेनेज सिस्टम पर काफी असर पड़ता है.
सीमित सरकारी सपोर्ट...
भारत में लंदन की सरकार की अपेक्षा कम नीतियां है. भारत सरकार को रेनवाटर ह्रवेस्टिंग को लेकर सरकार को जागरूकता फैलाने की जरुरत है. जो लोग इससे जुड़ना चाहतें हों उन्हे प्रोत्साहित किया जाना चाहिए. इमारतों में ये सिस्टम लगा दिया जाए तो जल समस्या को कम किया जा सकता है.
लंदन में इसके साथ औऱ भी कई चीज बेहतर है. लंदन के अधिकत्तर जगहों पर रेनवाटर हार्वेस्टिंग पर पूरा ध्यान दिया जाता है. इमारतों में इस तकनीक को शामिल किया जाता है बारिश के पानी को स्टोर करके उसका प्रयोग किया जाता है. म्युजियम ऑफ लंदन में 850 वर्ग किमी का एक छत है, यहां बारिश में लगभग 25 हजार लीटर पानी हार्वेस्ट किया जाता है जिसका उपयोग सिंचाई और टॉयलेट फ्लशिंग जैसे कामों में किया जाता है.
शहरों का ड्रेनेज सिस्टम
स्टॉर्मवाटर प्रबंधन तकनीक लंदन में बेहतर तरीके से लागू है. इससे बारिश का पानी सही तरीके से निष्कासित किया जा सकता है. एक जगह पानी को कलेक्ट करके रीयूज किया जाता है.
कानून और इंसेंटिव्स...
लंदन सरकार रेनवाटर हार्वेस्टिंग को काफी बढ़ावा देती है. इसके लिए सख्त नियम भी बनाए जाते हैं. नई बनने वाली हर इमारत में इसका प्रयोग किया जाता है.