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रांची/डेस्क: कानपुर में एक दुखद घटना के दौरान, यूपी स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर आदित्य वर्धन सिंह की गंगा नदी में डूबने से मौत हो गई. इस घटना ने पूरे इलाके में प्रशासन और गोताखोरों की भूमिका पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
शनिवार को कानपुर के नाना मऊ घाट पर आदित्य वर्धन सिंह अपने दोस्त प्रदीप तिवारी के साथ गंगा में स्नान करने गए थे. आदित्य की पत्नी शैलजा मिश्रा महाराष्ट्र में जज हैं, जबकि उनके चचेरे भाई अनुपम सिंह बिहार में सीनियर आईएएस और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सचिव हैं. बताया जा रहा है कि नहाने के दौरान फोटो खींचते समय आदित्य का पैर फिसल गया और वह गंगा के गहरे पानी में डूबने लगे.
आदित्य के दोस्त प्रदीप ने तुरंत घाट पर खड़े गोताखोरों से मदद की गुहार लगाई, लेकिन गोताखोरों ने पहले 10,000 रुपये की मांग की. आदित्य के दोस्तों के पास उस समय कैश नहीं था, इसलिए उन्होंने ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करने का वादा किया. गोताखोरों ने पैसे पहले ट्रांसफर करवाने पर जोर दिया और जब तक पैसा ट्रांसफर हुआ, आदित्य डूब चुके थे.
वही घटना के बाद पुलिस प्रशासन और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंची और डिप्टी डायरेक्टर को ढूंढने के लिए गोताखोरों की मदद ली गई, लेकिन रात तक उनकी डेड बॉडी नहीं मिल सकी. इस दुखद घटना के बाद इलाके के लोग प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं. लोगों का कहना है कि यदि इतने बड़े अधिकारी को बचाने में यह हाल हुआ तो आम लोगों का क्या होगा? उन्होंने मांग की है कि प्रशासन को घाटों पर प्रशिक्षित गोताखोरों की तैनाती करनी चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.
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इस घटना से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है. आदित्य की बहन और माता-पिता विदेश में हैं, और उनका परिवार इस हादसे से सदमे में है. आदित्य लखनऊ के इंदिरा नगर में रहते थे, और उनके परिवार के लिए यह एक असहनीय क्षति है.
इस घटना के बाद कानपुर में प्रशासन और गोताखोरों की भूमिका को लेकर गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं, और लोग उम्मीद कर रहे हैं कि इस मामले में जल्द ही उचित कार्रवाई की जाएगी.