न्यूज11 भारत
रांची/डेस्कः- ग्रामीण विकास विभाग में टेंडर घोटाले का पर्दाफाश हुआ है. ईडी के अनुसार लगभग 3 हजार करोड़ का घोटाला हो चुका है. ईडी को करीब 35 करोड़ बरामद होने के बाद पुर्व मंत्री आलमगीर आलम, औऱ पीएस संजीव समेत कई लोग जेल के सलाखों के पीछे है. कई जिलों के टेंडर अब तो बेहिसाब तरीके से नियम कानून को नजरअंदाज किए बिना निकाला जा रहा है. सरकार के तरफ से इ गव्र्नेंस विभाग व प्रोद्योगिरी ने 3 अक्टूबर 2023 को एक अधिसूचना जारी की थी, जिसमें साफ कहा गया है कि 16 अक्टुबर 2023 के बाद से टेंडर फीस व इएमडी की राशि ऑफलाईन भुगतान नहीं की जा सकती है. लेकिन वहीं कुछ जिले ने इस नियम को कचरे के डब्बे में फेंक कर ऑफलाईन टेंडर का खेल जारी है. इसमें से देवघर जिला टॉप पर है.
देवघर में करोड़ों के टेंडर निकाले जाते हैं ऑफलाईन
खबरों से पता चला है कि 25 जुलाई को देवघर सहित कई जिले में योजलाओं के कई टेंडर निकाले गए हैं. सभी योजनाओं के पैसे को देखा जाए तो आंकडा करोड़ो में जा सकता है. सभी टेंडर ऑफलाईन किए गए हैं. बल्कि अक्टूबर 2023 में ही सरकार के तरफ से कहा जा चुका है कि टेंडर का पैसा ऑफलाईन नहीं निकाला जा सकता है.
ऑफलाईन टेंडर निकाले जाने के कारण
साफ तोर पर कहा जाए तो आफलाईन पैसे निकालने का एकमात्र कारण है प्रशासन व शाशन को अपने किसी खास लोगों को लाभ पहुंचाना, वहीं सरकार की भाषा में बात करें तो प्रधोगिकी व इ गव्रनेंस ने साफ कहा हा कि ऑफलाईन टेंडर में अनियमित्ता बरती जा रही है.
डीसी व सचिव नहीं दे रहे जवाब
रिपोटर्स ने इससे संबंधित ग्रामीण विभाग के सचिव श्रिनिवासन से फोन पर कमेंट लेना चाहा पर सचिव साहब ने फोन उठाने के बजाए काटे जा रहे थे. मैसेज कर पूरी जानकारी दी गई पर अभी तक उसका जवाब नहीं आ पाया है. वहीं देवघर डीसी से भी कमेंट लेने का प्रयास किया गया पर उसने भी फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा. उन्हे भी मैसेज में सारी जानकारी दी गई पर अभी तक कोई रिप्लाई नहीं आया है.