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सिमडेगा/डेस्क: हॉली स्पीरिट स्कूल सामटोली, सिमडेगा को CISCE BOARD नई दिल्ली से प्रस्वीकृति प्राप्त होने पर स्कूल परिसर में उद्घोषणा दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में उपायुक्त सिमडेगा अजय कुमार सिंह, बिशप -सह- स्कूल के चेयररमैन बिंसेंट बरवा उपस्थित रहे. इसके अलावा अतिथि के रुप में कई गणमान्य लोग उपस्थित रहेंगे.
इस मौके पर उपायुक्त सहित अन्य गणमान्य अतिथियों द्वारा सर्वप्रथम दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. कार्यक्रम शुभारंभ के पश्चात स्कूली बच्चों द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत नृत्य प्रस्तुत कर स्वागत किया गया. फा शैलेश ने बताया कि स्कूल की स्थापना सन 2008 ई को स्व फा फीटर पौल सोरेंग ने काफी संघर्षों के बीच किया था. स्कूल की पहली प्रधानाध्यापिका सिस्टर हेलेन लुगून थी. उस समय हॉली स्पीरिट स्कूल शहर का पहला इंग्लिश मीडियम स्कूल था. उन्होंने बताया कि स्कूल को CISCE BOARD नई दिल्ली से प्रस्वीकृति दिलाने को लेकर स्कूल पंबंधक द्वारा काफी लंबे समय से प्रयास किया जा रहा था. जो लंबे समय बाद इस पर सफलता मिली है.
इस कार्यक्रम के मौके पर मुख्य अतिथि उपायुक्त सिमडेगा अजय कुमार सिंह ने संबोधित करते हुए उपस्थित विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्य एवं बच्चों को शिक्षा की मुल उद्देश्य के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि शिक्षा का मूल उद्देश्य तीन चीज हैं जिसके लिए आप सभी बच्चें यहां बैठे हैं इस विद्यालय में अध्यनरत है. पहला ये कि शिक्षा नॉलेज को एक पाठ करता है, नॉलेज प्रदान करता है यह ज्ञान देते है. दूसरा स्कील/कौशल हुनर प्रदान करना और तीसरा उद्देश्य है चरीत्र का निर्माण करना. ये तीन उद्देश्य पर ही आधारित प्राचीनकाल से शिक्षा की व्यवस्था रही है. स्ट्रक्चर व्यवस्था है जहां विद्यार्थी, शिक्षक होते है. ज्ञान प्रदान किया जाता है. कौशल विकास के बारे में उन्होंने कहा कि 6 से 8 क्लास के बच्चों का अभी से ही कौशल विकास करें जिससे कि सिमडेगा जिले का स्मार्ट बच्चा बन सके. इसके अलावा उन्होंने बच्चों में बेहतर चरित्र निर्माण करने की बात कही. उन्होंने सभी शिक्षकों को एवं अभिभावकों को बच्चों में किस तरह के भाव डेवलपमेंट करनी चाहिए उसके बारे भी बताया. उन्होंने कहा कि इस तरह के विद्यालय जिसमें सबसे पहले प्रेयर्स होता है. जहां पर बाइबल की बातें बताई जाती है, भगवत-गीता, वेद- कुरान की बातें बताई जाती है. ऐसे माहौल में अगर बच्चा पड़ता है. वैसे एजुकेशनल इंस्टिट्यूट में ही बच्चों का कैरक्टर बिल्डिंग उसके कैरक्टर ट्रेट्स को डेवलपमेंट करने में ज्यादा आसानी होता है. उन्होंने सभी शिक्षकों से बच्चों कैरेक्टर बिल्डिंग की भाव डेवलप करने के बाद कहीं. इसके साथ ही उपायुक्त ने शिक्षकों एवं अभिभावकों से कहा कि बच्चों को जिस क्षेत्र में रुचि होगी इस क्षेत्र में उसे आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करें. अंत में उन्होंने CISCE BOARD नई दिल्ली से विद्यालय को प्रस्वीकृति मिलने के अवसर सभी विद्यालय प्रबंधन को हार्दिक शुभकामनाएं व बधाई दी.