न्यूज़11 भारत
रांची/डेस्क: गर्मी के बढ़ने के साथ-साथ ही कुत्ते भी बहुत गुस्सैल हो जाते है. इन दिनों कुत्ते के काटने के कई मामले भी सामने आ रहे है. ये भी देखा जाता है कि कुत्ते के काटने से लोग हल्दी, मिर्च और कोलगेट लगा कर अस्पताल पहुंच जाते है. डॉक्टर्स का कहना है कि ऐसा नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से स्किन में इंफेक्शन हो सकता है.
वहीं बीते कुछ सालों में कुत्ते के काटने के मामले तेजी से बढ़े है. सड़को घूमते आवारा कुत्ते बच्चों से लेकर बड़ों पर हमले कर रहे है. कुत्ते के काटने के मामलों में ये देखा गया कि कुत्ते के काटने पर लोगों को सही फर्स्ट एड नहीं मिल पाता है. कई मरीज कुत्ते द्वारा काटी गई जगह पर खुद से ट्रीटमेंट करने के बाद अस्पताल आते है. देखा गया है कि मरीज अपने घाव में हल्दी भर लेते है या मिर्ची पाउडर लगा लेते है और कुछ ना मिलने पर मोटी-सी पट्टी बांध लेते है. इस वजह से कुत्ते के लार का वायरस मरीज के शरीर के अंदर टिश्यूज और ब्लड तक पहुंच जाते है. यह हानिकारक होता है.
बता दें कि कुत्ते के काटने से रेबीज नामक बिमारी होती है. डॉक्टर्स का कहना है कि यह बिमारी इतनी खराब है कि इसका इलाज संभव नहीं है और इससे व्यक्ति की जान भी चली जा ती है. डॉक्टर्स का कहना है कि तीन तरह की कैटेगरी में डॉग बाइट को बांटा जाता है. पहला कैटेगरी जिसमें कुत्ते की लार इंटेक्ट स्किन के संपर्क में आती है. दूसरा जिसमें व्यक्ति की स्किन पर खरोंच आ जाता है. तीसरा और सबसे खतरनाक जिसमें कुत्ता या ने जानवर व्यक्ति के शरीर से मांस निकाल लेता है.
भूल कर भी ये काम न करें
डॉक्टर्स का कहना है कि कुत्ते के काटने पर हल्दी, नमक या मिर्च घाव पर लगाना गलत है. कुत्ते के काटने पर करीब 10 मिनट तक घाव वाले जगह को साफ तेज घार की पानी में धोएं. साबुन का भी इस्तेमाल कर सकते है लेकिन घाव पर हाथ न लगाए. साफ पानी में घाव को धोने के बाद एंटीसेप्टिक यानि बीटाडीन इत्यादि लगा सकते है. इसके साथ ही टेटनेस और रेबीज दोनों के टीके 24 घंटे में लगवाना चाहिए. वहीं कुछ लोग कुत्ते के काटने के बाद टांके लगवा लेते है, जो कि गलत है. वहीं डॉक्टर्स के सलाह के बाद ही एंटीबायोटिक दवाई लेना चाहिए. इसके साथ ही यह भी ध्यान रखें कि कुत्ते के काटने बाद नॉनवेज और मसालेदार भोजन नहीं करना चाहिए.