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रांची/डेस्क: कई युवाओं का सपना सरकारी नौकरी पाना होता है. कुछ इसे कड़ी मेहनत से हासिल करते हैं, जबकि कुछ गलत शॉर्टकट अपनाते हैं. छत्रपति संभाजीनगर में एक युवक ने सरकारी अफसर बनने का सपना देखा, लेकिन नकल के लिए उसने Google का सहारा लिया. इस युवक का नाम अक्षय फकीरचंद चव्हाण है.
अक्षय ने परीक्षा के दौरान अपनी मोबाइल फोन को सीपीयू के पीछे छिपा लिया और उत्तर खोजने के लिए Google का इस्तेमाल किया. एक अन्य परीक्षार्थी को संदेह हुआ और उसने पर्यवेक्षकों को सूचित किया. सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद यह मामला सामने आया. पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर मामला दर्ज किया, लेकिन बाद में नोटिस देकर छोड़ दिया.
सीपीयू के पीछे मोबाइल छिपाया
समाजकल्याण विभाग में निरीक्षक पद के लिए 18 मार्च को ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की गई थी. यह परीक्षा चिकलठाणा औद्योगिक क्षेत्र के आयऑन डिजिटल केंद्र में हो रही थी. इसी दौरान, अक्षय चव्हाण ने मोबाइल फोन को सीपीयू के पीछे छिपा लिया और नकल करने के लिए उसका इस्तेमाल किया. एक उम्मीदवार ने लघुशंका का बहाना बनाकर पर्यवेक्षकों को सूचित किया, जिसके बाद सीसीटीवी फुटेज से मोबाइल का उपयोग होने का पता चला. इसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में लिया और MIDC सिडको पुलिस स्टेशन में ले जाया गया.
क्या हुआ था?
MIDC सिडको पुलिस के मुताबिक, अक्षय ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की थी और बाद में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी शुरू की थी. परीक्षा केंद्र में मोबाइल फोन लाने की मनाही के बावजूद उसने इसे अंदर ले लिया और नकल करने के लिए Google का इस्तेमाल किया. उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया, लेकिन बाद में उसे नोटिस देकर छोड़ दिया गया. पुलिस का कहना है कि अगर सरकारी नौकरी पाना है, तो मेहनत करनी पड़ेगी, और गलत रास्ता अपनाना कभी सही नहीं होता. इसीलिए, पेपर हल करने के लिए मेहनत और ईमानदारी से काम करना जरूरी है.