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रांची/डेस्क: साल 2024 को खत्म होने में बस कुछ ही दिन बच गए है. नए साल की आगम की सभी लोग तैयारी कर रहे है. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट पतरातू सुपर थर्मल पावर प्लांट बिजली का उत्पादन अब तक शुरू नहीं हो पाया. इस प्रोजेक्ट का एग्रीमेंट हुए भी 9 साल बीत गए. लेकिन इसकी शुरुआत नहीं हो पाई. आपको बता दे कि साल 2015 में झारखंड सरकार ने NTPC के साथ पतरातू में 4000 मेगावाट पावर प्लांट बनाने का एग्रीमेंट किया था. एग्रीमेंट के अनुसार, पहले चरण में 2400 मेगावाट का पावर प्लांट बनना था और दूसरे चरण में 1600 मेगावाट पावर प्लांट बनना था. इस प्रोजेक्ट के पहले चरण का उत्पादन साल 2019 में शुरू होना था. लेकिन इसका उत्पादन अब तक शुरू नहीं हो पाया है. इस प्रोजेक्ट के एग्रीमेंट के अनुसार, झारखंड सरकार को 85 प्रतिशत बिजली मिलती. इस प्रोजेक्ट के लिए केंद्र सरकार ने कहा था कि राज्य सरकार को केंद्र सरकार के तरफ से जो भी सहयोग की जरूरत है दी जाएगी. केंद्र ने यह भी खा कि राज्य सरकार प्राथमिकता के आधार पर इस पावर प्लांट को शुरू करने का प्रयास करेगी.
बनहर्दी कोल ब्लॉक में वन भूमि को लेकर फंसा है पेंच
पतरातू पावर प्लांट के लिए बनहर्दी कोल ब्लॉक को आवंटित किया गया था. लेकिन उसमे अब तक पेंच फंसा हुआ है. इस प्रोजेक्ट के लिए अब तक कोल ब्लॉक की पूरी तरह ड्रिलिंग नहीं हो पाई है. ड्रिलिंग के लिए जूलॉजिकल रिपोर्ट कुल 14 करोड़ रूपए में खरीदी गई थी. लातेहार के चंदवा में बनहर्दी कोल ब्लॉक 4600 एकड़ फेला हुए है. इसका पूरा क्षेत्रफल 18 वर्ग किलोमीटर में फैला हुए है. इसमें ड्रिलिंग 10 वर्ग किलोमीटर में हो चुकी है. इसके कुल 900 मिलियन टन कोयला होने का अनुमान लगाया गया है. वहीं बचे हुए 8 वर्ग किलोमीटर में 600 मिलियन टन कोयला होने का अनुमान लगाया गया है. इस ब्लॉक की ड्रिलिंग हरियाणा की साउथ वेस्ट पिनाकल कंपनी ने की है. लेकिन इस ब्लॉक में वन भूमि होने का मामला सामने आया है. इस मामले में केंद्र सरकार ने राज्य सरकार से 268 एकड़ वन भूमि को डिनोटिफाई करने का प्रस्ताव माँगा है. आपको बता दे कि राज्य सरकार की सर से यह प्रस्ताव भेजा जा चुका है.
पीएम मोदी ने की थी पतरातू पावर प्लांट की समीक्षा
26 मई 2022 को पतरातू पावर प्लांट की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑनलाइन समीक्षा की थी. इस दौरान झारखंड के मुख्य सचिव ने पीएम मोदी को बताया था कि पतरातू के निर्माणाधीन 4000 मेगावाट के थर्मल पावर प्लांट से बिजली उत्पादन साल 2024 से होने लगेगा.
JBVNL व NTPC के बीच बनी ज्वाइंट वेंचर कंपनी
NTPC और झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के बीच साल 2015 में ज्वाइंट वेंचर कंपनी पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (PVUNL) बनी थी. इसके बाद साल 2016 में इस कंपनी को NTPC के हवाले किया गया था. इसके बाद इसी साल इसका कार्यादेश भेल को दिया गया था.
NTPC व JBVUNL 74:26 के शेयरहोल्डर
एग्रीमेंट के अनुसार, JBVUNL 26 प्रतिशत और NTPC 74 प्रतिशत के शेयरहोल्डर है. इसमें JBVUNL इस प्रोजेक्ट में कोयला, जमीन और पानी देगी, उसे पैसे लगाने की कोई जरूरत नहीं है. NTPC बंक्ल से लोन लेकर इस प्रोजेक्ट में पैसे लगेगी और झारखंड सरकार का उर्जा विभाग इस चीज़ की मॉनिटरिंग करेगा