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रांची/डेस्क: आए दिन महिलाओं के साथ दुष्कर्म के मामलों में इजाफा देखने को मिल रहा है लेकिन, क्या यह इजाफे कानून व्यवस्था पर सवाल नही उठाती ! कानून तो कड़े है, फिर डर क्यों नहीं ? ऐसा इसलिए क्योंकि रेप के मामलों में फांसी की सजा का प्रावधान होने के बावजूद 24 साल में सिर्फ पांच दुष्कर्मियों को ही फांसी की सजा मिली है. 2004 में धनंजय चटर्जी को 1990 के बलात्कार के मामले में फांसी दी गयी थी. जबकि मार्च 2020 में निर्भया के चार दोषियों को जेल में फांसी दी गयी थी.
दुष्कर्म के आंकड़े क्या है ?
- अगर दुष्कर्म के आंकड़ो को देखे तो भारत में हर घंटे 3 महिलाएं रेप का शिकार होती हैं, यानि हर 20 मिनट में 1 महिला के साथ दुष्कर्म की घटना होती है.
- देश में रेप के मामलों में 96% से ज्यादा आरोपी महिला को जानने वाले होते है
- रेप के मामलों में 100 में से 27 आरोपियों को ही सजा होती है
यह तीन आंकड़े बताते है कि शक्त कानून होने के बावजूद हमारे देश में रेप के मामलों में न तो कमी आ रही है और न ही सजा की दर यानि कन्विक्शन रेट बढ़ रहा है.
कानून कड़े लेकिन हालात वही !
केंद्र सरकार की एजेंसी नेशनल रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़े बताते हैं की भारत में सालभर में महिलाओं के खिलाफ अपराध के चार लाख से ज्यादा मामले दर्ज किए जाते है. इन अपराधों में सिर्फ रेप नहीं बल्कि छेड़छाड़, दहेज़ हत्या, किडनैपिंग, एसिड अटैक जैसे अपराध भी शामिल है. इन सब के बावजूद सुधार नहीं हुआ है. आंकड़े बताते है कि 2012 से पहले हर साल 25 हजार मामले दर्ज किए जाते थे. लेकिन इसके बाद यह आंकड़े 30 हजार के ऊपर पहुंच गया. 2013 में ही 33 हजार से ज्यादा मामले दर्ज हुए थे तो वही 2016 में यह आकड़ा 40 हजार के करीब पहुंच गया था. महिलाओं के खिलाफ अपराध के यह आंकड़े डराने वाले है. वही रेप के मामलों पर नजर डाले तो एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक, 2012 में रेप के 24 हजार 923 मामले दर्ज हुए थे .यानि, हर दिन औसतन 68 मामले. जबकि 2022 में 31 हजार 516 मामले दर्ज किए गए थे. इस हिसाब से औसतन 86 मामले दर्ज किए गए. यानि ,हर घंटे 3 और हर 20 मिनट में 1 महिला रेप की शिकार हुई.
कौनसा राज्य 'सेफ'?
अगर राज्यों की बात की जाए तो रेप के सबसे ज्यादा मामले राजस्थान में सामने आते है. 2022 में राजस्थान में रेप के 5399 मामले दर्ज किए गए थे. दूसरे नंबर पर 3690 मामलो के साथ उत्तर प्रदेश था. फिर मध्यप्रदेश में 3029, महाराष्ट्र में 2904, हरियाणा में 1778,तो वही झारखंड में 1297 केस शामिल है .
कौन है दुष्कर्म का आरोपी ?
बलात्कार के ज्यादा मामलों में जो आरोपी होता है, वो पीड़िता की पहचान वाला ही होता है. आंकड़े बताते है की रेप के 96% से ज्यादा मामलों में पहचान वाला ही आरोपी निकलता है. 2022 में रेप के 31 हजार 516 मामले दर्ज किए गए थे इनमें से 30 हजार 415 मामलों में आरोपी पीड़िता की पहचान वाला ही था. इनमें से 2324 आरोपी परिवार के सदस्य थे जबकि,14 हजार 582 मामलों में ऑनलाइनफ्रेंड, या शादी का झांसा देने वाला आरोपी था .
अब तक कितने मामलों में सजा ?
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ो के मुताबिक, रेप के मामलो में सजा मिलने की दर 27 से 28 फीसदी ही है. यानि, रेप के 100 में से 27 मामलों में ही आरोपी को दोष शाबित हो पाता है. रिपोर्ट बताती है की 2022 के आखिर तक देशभर की अदालतों में रेप के लगभग दो लाख मामले लंबित थे. 2022 में इनमे से साढ़े 18 हजार मामलों में ही ट्रायल पूरा हो पाया, उनमें करीब 5 हजार मामलों में दोषी को सजा दी गयी जबकि 12 हजार से ज्यादा मामलो में आरोपी को बरी कर दिया गया है.
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