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रांची/डेस्क: मां का दूध नवजात शिशुओं को सिर्फ 6 महीने तक ही पिलाया जाता है. शारीरिक और मानसिक विकास इससे बच्चे का बेहतर तरीके से होता है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि थोड़ा-थोड़ा करके 6 महीने बाद शिशु को अनाज, फल और सब्जियां खिलाना शुरू कर देना चाहिए. बच्चा इससे हेल्दी रहता है और उसके दिमाग का भी विकास बेहतर होता है.
सीनियर डायटीशियन की माने तो दाल या चावल का पानी कुछ लोग बच्चों को देते है. लेकिन सही तरीके का पोषण इससे बच्चों को नहीं मिलता है. शिशु की हेल्थ को ध्यान में रखते हुए ऐसी चीजे देनी चाहिए कि शिशु को भरपूर मात्रा में पोषण मिले.
चुकंदर और गाजर का मैश
गाजर और चुकंदर का मैश 6 महीने तक के शिशुओं को दिया जा सकता है. कई सारे पोषक तत्व इसमें होते है. विटामिन A से भरपूर गाजर शिशु की इम्युनिटी को स्ट्रांग करता है. इसके साथ ही आयरन के साथ-साथ विटामिन C चुकंदर में पाया जाता है. इनमें एंटीऑक्सीडेंट्स होते है, जो फ्री रेडिकल्स से बचाने में सहायता करते है.
मैश खिचड़ी
8 से 9 महीने के शिशु को मूंग की दाल और चावल से बनी खिचड़ी खिलाना फायदेमंद होता है. इस बात का ध्यान रखें कि खिचड़ी मैश हो. इसे आप आसानी से अपने बच्चे को खिला सकते है. प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट का यह एक अच्छा सोर्स है. इसके साथ ही ये बच्चों की मांसपेशियों को भी मजबूत बनाती है. इस बात का ध्यान से रखें कि शिशु को कम मात्रा में ही खिलाना है.
सॉफ्ट इडली
आप घर में बनी सॉफ्ट इडली शिशुओं के लिए एक हेल्दी विकल्प है. इसे आप 8 से 12 महीने के बच्चे को खिला सकते हैं. यह शिशुओं के लिए एक हेल्दी विकल्प है. चावल और दाल के मिश्रण से इसे बनाया जाता है. इसका प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट शिशुओं के विकास के लिए बहुत ही फायदेमंद है. प्रोबायोटिक्स भी इससे शिशु को मिलते है. ये पाचन तंत्र को भी स्वस्थ रखते है.
Disclaimer: यह आलेख एक्सपर्ट्स के राय के आधार पर लिखी गई है. इसके सेवन से पहले उचित सलाहकार से सलाह जरुर लें.