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रांची/डेस्क: इस दिवाली पटना, गया, मुजफ्फरपुर और हाजीपुर में पटाखे जलाने की परंपरा पर रोक लग गई हैं. जिला प्रशासन ने वायु और ध्वनि प्रदूषण को देखते हुए इन चार जिलों में किसी भी प्रकार के पटाखे जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया हैं. अन्य जिलों में केवल हरित पटाखों का उपयोग करने की अनुमति दी गई है, वह भी केवल रात 8 बजे से 10 बजे तक. हरित पटाखे वह होते है जो कम ध्वनि उत्पन्न करते है और प्रदूषण का स्तर भी नियंत्रित रखते हैं.
प्रदूषण के कारण लिया गया निर्णय
सरकार के अनुसार पटना, गया, मुजफ्फरपुर और हाजीपुर में पिछले साल AQI बहुत खराब थी, जिससे इन क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया था. इसके मद्देनजर सर्वोच्च न्यायालय और National Green Tribunal (NGT) के निर्देशों का पालन करते हुए इन जिलों में पटाखे पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिए गए हैं.
अन्य जिलों में हरित पटाखों की अनुमति
प्रशासन के अनुसार पटना, गया, मुजफ्फरपुर और हाजीपुर को छोड़कर अन्य जिलों में केवल Eco-Friendly या हरित पटाखों का उपयोग करने की अनुमति दी गई हैं. इन पटाखों से कम ध्वनि होती है और वह केवल लाइट पैदा करते है, जिससे प्रदूषण पर नियंत्रण रखा जा सकता हैं.
पटना जिला प्रशासन की सख्ती
पटना जिला प्रशासन ने पटाखों की बिक्री पर भी सख्त निगरानी के निर्देश जारी किए हैं. जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह और एसएसपी राजीव मिश्रा ने अधिकारियों को अवैध पटाखों की बिक्री पर रोक लगाने और इसके खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. अनुमंडल पदाधिकारी और पुलिस अधिकारियों को सर्वोच्च न्यायालय और बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण परिषद के आदेशों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया गया हैं.
पटनासिटी के थोक विक्रेताओं पर नजर
पटना सिटी में पटाखों की थोक बिक्री का बड़ा केंद्र है, जहां हर साल सैकड़ों दुकानें सजती है लेकिन इस बार जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए है कि बिना लाइसेंस के किसी भी प्रकार के पटाखे नहीं बेचे जाएंगे. यहां करीब 150 थोक विक्रेता है लेकिन इनमें से सिर्फ तीन के पास ही लाइसेंस है, जिनका अब तक नवीनीकरण नहीं हुआ हैं.
सरकार ने चेतावनी दी है कि यदि कोई इस आदेश का उल्लंघन करता है, तो उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी.