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रांची/डेस्क: प्रवर्तन निदेशालय (ED) पहली बार झारखंड में बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं के अवैध घुसपैठ के खिलाफ मनी लॉन्डरिंग एक्ट (PMLA) के तहत जांच शुरू कर रही है. पीएमएलए के तहत ED की ECIR (enforcement case in- formation report) 6 जून को बरियातू थाने में दर्ज एफआईआर संख्या 188/2024 दिनांक 04.06.2024 पर आधारित है. ED घुसपैठ से होने वाले लाभ को राजनीति में इस्तेमाल करने सहित बड़ी साजिश की जांच करेगी.
क्या है पूरा मामला
उपरोक्त एफआईआर के अनुसार, बांग्लादेश से लगभग 21 वर्षीय निपाह अख्तर ख़ुशी को मनीषा राय नामक एक लड़की ने झूमा नामक एक अन्य लड़की की मदद से 31.05.2024 की मध्यरात्रि को जंगल क्षेत्र से बांग्लादेश की सीमा को अवैध रूप से पार करके, निजी एजेंटों की मिलीभगत से कोलकाता लाया था. इसके अलावा, यह मामला एजेंटों की मदद से बांग्लादेशी नागरिकों की भारत में अवैध घुसपैठ से संबंधित है, जो उन्हें भारतीय नागरिकता साबित करने वाले नकली दस्तावेज़ प्रदान कर रहे हैं.
कई व्यक्ति अवैध घुसपैठ, फर्जी पहचान प्रमाण बनाने से संबंधित अवैध गतिविधियों में शामिल हैं, जो पीएमएलए, 2002 की धारा 2 (1) (यू) के तहत प्रदान की गई परिभाषा के अनुसार अपराध की आय से जुड़ी आपराधिक गतिविधियां हैं. इस प्रकार, बांग्लादेश से भारत में ऐसे व्यक्तियों की अवैध घुसपैठ से संबंधित जांच और ऐसे एजेंटों की जांच ED करेगी जो ऐसी गतिविधियों को सुविधाजनक बना रहे हैं और जिनका उद्देश्य "अपराध की आय" प्राप्त करना और अन्य आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देना है. इसलिए, अब ED धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत गहन और व्यापक जांच करेगी.