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सिमडेगा/डेस्क: स्वास्थ्य विभाग और हंस फाउंडेशन की पहल से सिमडेगा जिले में जरूरतमंद मरीजों के लिए मुफ्त डायलिसिस सुविधा उपलब्ध कराने के लिए एक एमओयू हस्ताक्षरित किया गया. उपायुक्त अजय कुमार सिंह के समक्ष स्वास्थ्य विभाग ने हंस फाउंडेशन के साथ यह समझौता किया. इसके तहत, हंस फाउंडेशन अब जिला अस्पताल में डायलिसिस की सुविधा प्रदान करना शुरू करेगी.उपायुक्त के निर्देशों के अनुसार, जिला स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से सिविल सर्जन, सिमडेगा ने जरूरतमंद मरीजों को मुफ्त डायलिसिस देने के लिए हंस फाउंडेशन के साथ यह समझौता किया. इस पर हंस फाउंडेशन के झारखंड राज्य प्रमुख शिशुपाल मेहता और सिविल सर्जन डॉ. रामदास पासवान ने हस्ताक्षर किए. इस अवसर पर प्रोजेक्ट मैनेजर रामराज, जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम अर्पण तिर्की, और हंस फाउंडेशन के जिला प्रतिनिधि स्वामी विवेकानंद तथा निशांत नीरज फार्मासिस्ट भी मौजूद थे.
हंस फाउंडेशन के प्रतिनिधि ने बताया कि इस समझौते के तहत फाउंडेशन विभाग को प्रशिक्षित मेडिकल अधिकारी, अन्य स्टाफ, दवाएं, डायलिसिस मशीनें और आर.ओ. प्लांट मुहैया कराएगा. शुरुआत में कोलेबिरा और कुरडेग में डायलिसिस सेंटर स्थापित किए जाएंगे, जहां जरूरतमंद मरीज मुफ्त डायलिसिस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे. डायलिसिस की आवश्यकता: डायलिसिस एक कृत्रिम प्रक्रिया है जो शरीर से अपशिष्ट उत्पादों और अतिरिक्त तरल पदार्थ को हटाती है, जब किडनी ठीक से काम नहीं करती. किडनी की विफलता के कारण लोगों को डायलिसिस की आवश्यकता हो सकती है, जिससे उनकी किडनी अपशिष्ट उत्पादों को ठीक से फिल्टर नहीं कर पाती. डॉक्टर तब तक डायलिसिस जारी रखते हैं जब तक किडनी की कार्यक्षमता में सुधार नहीं होता.